Published On: Sun, Aug 11th, 2024

World Record : कशूर रिवाज उत्सव में 10 हजार युवतियों ने किया कश्मीरी लोक नृत्य, बारामुला में बना विश्व रिकॉर्ड


10 thousand girls performed Kashmiri folk dance in Kashoor customs festival, became a world record

बारामुला में हुए कसूर रिवाज उत्सव में कश्मीरी युवतियां।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बारामुला की 10,000 युवतियों ने ‘कशूर रिवाज’ सांस्कृतिक उत्सव में सबसे बड़ा कश्मीरी लोक नृत्य प्रस्तुत करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यूनिवर्सल रिकॉर्ड्स फोरम ने इसे विश्व रिकॉर्ड के रूप में मान्यता दी है। इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को सेना की डैगर डिवीजन, बारामुला जिला प्रशासन और इंद्राणी बालन फाउंडेशन ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में किया।

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प्रो. शौकत अली इंडोर स्टेडियम में पारंपरिक नृत्य, संगीत, सुलेख और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से कश्मीर की परंपराएं देखने को मिलीं। मुख्य आकर्षण रौफ नृत्य रहा। एक प्रतिभागी ने बताया कि हम एक महीने से अभ्यास कर रहे थे। डीसी मिंगा शेरपा के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने कार्यक्रम का संचालन किया। जम्मू-कश्मीर सांस्कृतिक विभाग, पुलिस और गैर सरकारी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम के साक्षी बने। चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई मुख्य अतिथि और डैगर डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल राजेश सेठी के साथ बारामुला ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर रजत भट्ट विशेष रूप से शामिल हुए।

पुनीत और जाह्नवी बालन के नेतृत्व में इंद्राणी बालन फाउंडेशन ने बारामुला में विभिन्न विकास और सांस्कृतिक गतिविधियों में अपनी भागीदारी जारी रखते हुए इस पहल का समर्थन किया है। फाउंडेशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह नागरिक-सैन्य-उद्योग और युवाओं के बीच रचनात्मक जुड़ाव व सहयोग का एक शानदार उदाहरण है।

इन कलाकारों ने भी लूटी महफिल

सांस्कृतिक उत्सव में स्थानीय कलाकारों ने कश्मीरी कलात्मकता और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 13 वर्षीय इश्फाक हामिद भट्ट ने रुबाब पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार, 2024 से सम्मानित इश्फाक कश्मीरी संगीत परंपराओं को संरक्षित करने के लिए अपनी प्रतिभा और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रसिद्ध संतूर वादक नसीर अहमद मीर ने भी समारोह में प्रस्तुति दी। संतूर वादन की कला में उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में उन्हें 2021 में कश्मीर विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था। 

बारामुला के सुलेख विशेषज्ञ शफी मीर भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। 70 वर्षीय मीर इस शिल्प में जीवन भर का अनुभव और कौशल लेकर आए। उन्होंने मुख्य अतिथि को मौके पर ही बनाई गई एक जटिल सुलेख कृति भी भेंट की। चिनार युवा केंद्र के ””स्ट्रिंग्स ऑफ बारामुला”” बैंड के प्रदर्शन ने भी खूब तालियां बटोरीं।

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