women of village formed a team together uploading videos

Last Updated:
महिलाओं के पारंपरिक खेल लोकगीत और हरजस के वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा के अंदर बच्चों की तरह रोज पारंपरिक खेल खेलती हैं. महिलाओं के इस ग्रुप में अधिकांश बुजुर्ग महिलाएं हैं.

ग्रुप में है 15 से 20 महिलाएं
हाइलाइट्स
- भैरूपुरा गांव की महिलाएं परंपरागत खेलों के वीडियो अपलोड कर रही हैं.
- महिलाएं लोकगीत और हरजस के गीत भी सोशल मीडिया पर डाल रही हैं.
- महिलाओं के इस प्रयास को मनोवैज्ञानिकों ने सराहा है.
सीकर:- सीकर जिले के भैरूपुरा गांव की महिलाएं परंपरागत खेलों और गीतों से देश-दुनिया में अपनी विशेष पहचान बना रही हैं. महिलाएं छुपम छुपाई, सोटा दडी, सात का स्तोलिया जैसे स्थानीय खेलों के साथ-साथ मनोरंजन के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड कर रही हैं. इसके अलावा वे सामूहिक रूप से लोकगीत व हरजस के गीत भी सोशल मीडिया पर डाल रही हैं. महिलाओं के पारंपरिक खेल लोकगीत और हरजस के वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा के अंदर बच्चों की तरह रोज पारंपरिक खेल खेलती हैं. महिलाओं के इस ग्रुप में अधिकांश बुजुर्ग महिलाएं हैं.
ग्रुप में 15 से 20 महिलाएं
महिला ग्रुप की सीनियर सदस्या राधा देवी ने लोकल 18 को बताया कि युवाओं की तरह उनकी टीम के किसी भी सदस्यता को मोबाइल चलाना नहीं आता है. पहले घर का काम करने के बाद वह दिनभर बोर होती रहती हैं. इस समस्या के समाधान के लिए आसपास की महिलाओं ने मिलकर यह ग्रुप तैयार किया, जो मन बहलाने और टाइम पास करने के लिए बच्चों के खेल खेलती हैं. राधा देवी ने बताया कि उनके ग्रुप में 15 से 20 महिला इकट्ठी होकर खेल खेलती हैं और पुराने लोकगीत गाकर स्वस्थ मनोरंजन करती हैं.
मजाक में सोशल मीडिया पर डाला था वीडियो
महिला ग्रुप की सीनियर सदस्या राधा देवी ने बताया कि एक दिन हमारे गांव के यूट्यूबर के.डी. भैरूपुरा ने अपने पेज पर हमारा लोक गायन व खेलों को अपलोड कर दिया. उसके बाद से पूरे गांव में और आसपास के क्षेत्र में हमारे इस स्वस्थ मनोरंजन को पसंद किया जाने लगा. इसके बाद से हमारे ग्रुप में आसपास की महिलाएं और जुड़ गई. अब हम सोशल मीडिया में पारंपरिक वेशभूषा के अंदर जोक्स, रील, खेल और लोकगीत के वीडियो बनाकर डालते हैं, जो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं.
मनोवैज्ञानिकों ने मुहिम को सराहा
मनोवैज्ञानिक अमित शेट्टी Local 18 को बताते हैं कि डिप्रेशन को दूर करने के लिए जीवन में हंसना जरूरी होता है. परंपरागत खेल व लोक संगीत के माध्यम से स्वास्थ्य मनोरंजन करके हंसी-खुशी करने से डिप्रेशन दूर हो जाता है. गांव की ग्रामीण महिलाओं द्वारा शुरू की गई यह मुहिम बहुत अच्छी है. मनोवैज्ञानिक ने बताया कि गांव की महिलाएं घर का काम करने के बाद सारा दिन बोर होती रहती है और कई बार तो डिप्रेशन में भी चली जाती है. ऐसे में अलग-अलग क्षेत्र में महिलाओं द्वारा ऐसे ग्रुप बनाकर खुद का मनोरंजन करना बहुत जरूरी है.
ये भी पढ़ें:- मर कर भी अमर हो गईं पाली की मंजू! सांस रूकने से पहले कर दिया ऐसा काम, लोगों के दिलों में बसी रहेंगी यादें
सरकार दे साथ, तो बने बात
महिला ग्रुप की सीनियर सदस्या राधा देवी का कहना है कि परंपरागत खेलों व लोक संगीत को महिलाओं के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ महिला व बाल विकास विभाग को आगे आना चाहिए. सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में खेलो लोकगीतों के माध्यम से संस्कृति को बचाया जा सकता है. इसके अलावा, महिला एवं बाल विकास द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग संगठन बनाकर महिलाओं के मनोरंजन के साथ लोक कलाओं को बढ़ावा दिया जा सकता है.