Published On: Sat, Oct 12th, 2024

Winter In Himachal Himachal-uttarakhand Border Asan Barrage Is Buzzing With Foreign Birds – Amar Ujala Hindi News Live


Winter In Himachal Himachal-Uttarakhand border Asan Barrage is buzzing with foreign birds

अक्तूबर मध्य में आसन बैराज में पहुंचने लगे देश विदेश से मेहमान परिंदे
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित आसन बैराज विदेशी परिंदों की चहचहाहट से गुलजार होना शुरू हो गया है। आसन बैराज में अब तक साईबेरियन समेत देश-विदेश के 450 से अधिक रंग-बिरंगे मेहमान पहुंच चुके हैं। अगले महीने तक हजारों रंग-बिरंगे परिंदों के पहुंचने की उम्मीद है।

Trending Videos

आरओ आसन बैराज अनिल कुमार ने कहा कि सर्दियों में आसन बैराज देश-विदेश के परिंदों का पसंदीदा स्थल है। अभी साईबेरिया से सुर्खाव समेत आधा दर्जन से अधिक प्रजातियों के करीब 450 तक जल पक्षी पहुंचे हैं। हर वर्ष जनवरी तक इनकी संख्या यहां 6,000 तक पहुंच जाती है। मेहमान परिंदों के आगमन पर हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा पर स्थित आसन बैराज पर्यटन केंद्र में मोटर बोट बंद कर दी जाती है। सामान्य नौकायन के लिए झील स्थल पर अलग से स्थान चिह्नित किया है ताकि इन परिंदों को मनमाफिक झील में भ्रमण को स्थल मिले। इन पक्षियों का कलरव, आकाश में उड़कर झील में लौटना पर्यटकों को आकर्षित करता है। झील की सुंदरता में चार चांद लग जातेे हैं।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल के पक्षी प्रेमियों दिनेश शर्मा, आशिमा शर्मा, तब्बसुम, भरत ठाकुर, प्रद्युमन असवाल, अनिल भट्ट व राधिका शर्मा का कहना है कि आसन वेटलैंड में नवंबर से देश-विदेश से जल पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। हजारों जल पक्षी मार्च माह तक यहीं डेरा जमा कर रखते हैं।

विभिन्न देशों से 52 प्रजातियां पहुंचती हैं : प्रदीप सक्सेना

आसन बैराज में सेवारत वन दरोगा और जल पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना का कहना है कि आसन बैराज में साईबेरिया, चीन, कजाकिस्तान समेत जल पक्षी पहुंचते हैं। अभी तक साईबेरिया से सुर्खाव सैकड़ों की संख्या में पहुंचा है। यहां पक्षियों की 52 प्रजातियां पहुंचती हैं।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>