Water self-reliance fortnight in the district from June 5 | 5जून से जिले में जल स्वावलंबन पखवाड़ा: जलाशयों और नदी नालों का होगा संरक्षण, जिले में माही माता मंदिर से होगी शुरुआत – Banswara News

वीसी से जुड़े कलेक्टर और अन्य अधिकारी।
आगामी 5 जून से शुरू होने जा रहे जल स्वावलम्बन पखवाड़े की तैयारियों को लेकर जल संसाधन एवं जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत की अध्यक्षता में उदयपुर संभाग के अधिकारियों की बैठक उदयपुर से हाईब्रिड मोड पर हुई। इसमें बांसवाड़ा के अधिकारियों ने वर्चुअल रूप से
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इसमें संभाग के अधिकारियों के साथ जल स्वावलंबन पखवाडा के अन्तर्गत जल संचय एवं बाढ नियंत्रण की पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक भी हुई। इसमें संभाग के अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों से संबंधित वांछित जानकारी प्रस्तुत करने के साथ ही आगामी 5 जून से आरंभ होने जा रहे जल स्वावलम्बन पखवाड़ा को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।
बैठक में जानकारी दी गई कि 5 जून से 20 जून तक सभी जिलों में चलने वाले जल स्वालम्बन पखवाड़े के आयोजन की तैयारी एवं कार्यक्रम की रूप रेखा के सम्बन्ध में वी. सी. के माध्यम से उदयपुर संभाग के समस्त जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, जल संसाधन, पंचायती राज, वन विभाग के समस्त अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की गई।
5 जून को माही माता मन्दिर से होगी शुरूआत
बांसवाड़ा जिला कलक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव ने जल स्वालम्बन पखवाड़े के आयोजन के सम्बन्ध में विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 5 जून को गंगा दशमी के मुख्य कार्यकम माही नदी पर माही माता मन्दिर में आयोजित किया जाएगा। इसमें पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक के साथ जल स्वालम्बन पखवाड़े की शुरूआत की जाएगी।
ब्लॉक स्तर पर भी होंगे आयोजन
उन्होंने बताया कि इसी तरह 20 जून तक ब्लॉक स्तर पंचायत स्तर पर वाटर शेड, नरेगा कार्यों का पंचायती राज विभाग द्वारा लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जाएगा। जिले के अन्य बांध माही बांध, भगोरा, हेरो बांध पर जल संसाधन विभाग द्वारा विधायक एवं जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जल स्वालम्बन पखवाड़ा के कार्यकमों का आयोजन किया जाएगा।
जल पखवाड़े के दौरान जल स्वालम्बन योजना, हरियालो राजस्थान, जल शक्ति अभियान आदि को समाहित कर “वन्दे गंगा“ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बैठक में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने जलाशयों, नदी-नालों की सफाई, सघन वृक्षारोपण, चारागाह, चारागाह व नदी नालों को अतिक्रमण से मुक्त करने एवं आमजन में सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से जल के प्रति जागरूकता लाने के सम्बन्ध में विशेष निर्देश दिए।