Verification of tenants, employees, drivers etc. is necessary in Jodhpur | जोधपुर में किरायेदार, कर्मचारी, ड्राइवर का वेरिफिकेशन जरूरी: पुलिस कमिश्नरेट से आदेश लागू, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई – Jodhpur News

जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले तमाम इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने यहां किसी भी किराएदार, कर्मचारी या ड्राइवर इत्यादि रखने पर उनका पुलिस वेरिफिकेशन भी कराना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय एवं यातायात) श्री शैलेन्द्र सिंह इन्दौलिया ने शहर की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, जोधपुर शहर या पुलिस कमिश्नरेट के क्षेत्राधिकार के गांव-कस्बों के सभी आवासीय परिसरों और व्यवसायिक संस्थानों के मालिक/प्रबंधकों को अपने परिसरों में नियुक्त किए गए सभी किरायेदार, घरेलू सहायक, चालक, चौकीदार, निजी कर्मचारी या विक्रेता (सेल्समेन) आदि का अनिवार्य रूप से पुलिस सत्यापन कराना होगा।
सत्यापन की प्रक्रिया और अनिवार्यता
व्यक्तिगत जानकारी संधारण: सभी मालिक/प्रबंधक को अपने किरायेदार या सेवाकर्मी की संपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी (नाम, मोबाइल नंबर, अधिकृत पहचान-पत्र आदि) संधारित करनी होगी।
15 दिन में सत्यापन: नियोजन के अधिकतम 15 दिनों के भीतर संबंधित व्यक्ति का पुलिस सत्यापन स्थानीय थाने में कराना अनिवार्य है।
संदिग्ध गतिविधियों की सूचना: यदि किसी व्यक्ति की गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत होती हैं, तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को देना भी अनिवार्य है।
सत्यापन नहीं कराया, तो कार्रवाई
आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 एवं अन्य विधिक प्रावधानों के तहत अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी। यानी, सत्यापन न कराने या संदिग्ध गतिविधियों की सूचना न देने पर कानूनी कार्रवाई संभव है, जिसमें जेल या जुर्माना भी शामिल हो सकता है।
आम नागरिकों के लिए यह जरूरी
- मकान मालिक, संस्थान संचालक, दुकानदार आदि सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां कार्यरत या निवासरत हर व्यक्ति का सत्यापन समय पर हो।
- सत्यापन के लिए राजस्थान पुलिस की वेबसाइट या राजकॉप सिटिजन ऐप का उपयोग किया जा सकता है, जहां ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है।
- सत्यापन के दौरान पहचान प्रमाण (आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) और पते का प्रमाण (बिजली बिल, पानी बिल आदि) जरूरी दस्तावेज के रूप में मांगे जाते हैं।