Published On: Mon, Jul 22nd, 2024

Valmiki scam: अब ED के दो अफसरों पर केस, घोटाले में कर्नाटक CM को फंसाने के लिए अधिकारी पर दबाव बनाने का आरोप


Valmiki scam: Case against ED officials for pressuring official to name CM Siddaramaiah, others

प्रवर्तन निदेशालय।
– फोटो : ANI

विस्तार


कर्नाटक में इन दिनों महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति निगम में हुआ 187 करोड़ रुपये का कथित घोटाला सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच सोमवार को इस मामले में एक अहम मोड़ सामने आया है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के दो अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने राज्य सरकार के एक अधिकारी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और वित्त विभाग को फंसाने के लिए दबाव डाला था। 

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विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज 

इस बारे में समाज कल्याण विभाग के अपर निदेशक कल्लेश बी ने विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में दोनों ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक धमकी और शांति भंग करने के इरादे को लेकर मामला दर्ज कराया गया है। कल्लेश ने जिन अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं, उनमें से एक का नाम मुरली कन्नन है, जबकि दूसरे अधिकारी का कुलनाम मित्तल है। कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है। इसके अलावा सीबीआई भी 187 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच कर रही है।  

आपको बता दें कि इस मामले की जांच प्रक्रिया में प्रवर्तन निदेशालय को भी शामिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री बी नागेन्द्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल से जुड़े ठिकानों पर भी छापा मारा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने बी नागेन्द्र को भी गिरफ्तार किया, वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। 

कल्लेश ने क्या कहा?

कल्लेश का कहना है कि 16 जुलाई को पूछताछ के दौरान कन्नन ने उनसे 17 सवाल पूछे थे और उन्होंने तुरंत ही इन सवालों के जवाब दे दिए थे। कल्लेश ने आरोप लगाया कि कन्नन ने उन पर मामले में पूर्व मंत्री बी नागेन्द्र, सीएम सिद्धारमैया और वित्त विभाग का नाम लेने का दबाव डाला। कल्लेश का कहना है कि इसके बाद मित्तल ने उन्हें धमकी दी कि मामले में मुख्यमंत्री, नागेन्द्र और वित्त विभाग का नाम लें। इसके साथ ही मित्तल ने इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय कल्लेश की मदद करेगा। 

यह था मामला

कर्नाटक की महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में लेखा विभाग के अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसके बाद निगम में बड़ा घोटाला सामने आया। नोट में निगम के खाते से 187 करोड़ रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए।

इसमें से 88.62 करोड़ रुपये आईटी कंपनी और हैदराबाद की एक सहकारी बैंक में अवैध रूप से भेजे गए। घोटाले का आरोप लगने के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने छह जून को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ईडी ने नागेंद्र से पूछताछ करने के बाद उन्हें 12 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था।





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