US President Elections 2024: कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति के लिए चुन लिया अपना साथी, डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ भरी हुंकार

US President Elections: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना साधी चुन लिया है। एपी सूत्रों ने कमला हैरिस के हवाले से कहा कि उन्होंने मिनेसोटा के गवर्नर टिम वॉल्ज को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उपराष्ट्रपति चुन लिया है। इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस के नाम पर मुहर लगी थी। आगामी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस का मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से है।
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने मंगलवार को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवारी हासिल कर ली। इसी के साथ वह देश की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव का टिकट पाने वाली पहली भारतीय-अफ्रीकी महिला बन गयी हैं। कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद के लिए भी अपना साथी चुन लिया है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिनेसोटा के गर्वनर टिम वॉल्ज को पार्टी का आधिकारिक उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुना गया है। इससे पहले उपराष्ट्रपति की रेस के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पेंसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो का भी नाम सामने आ रहा था लेकिन, बाजी वॉल्ज ने मारी।
ट्रंप के खिलाफ भरी हुंकार
आगामी नौ नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इसमें दोनों दल डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी आमने-सामने हैं। कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से तो रिपब्लिक पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक उम्मीदवार हैं। कमला हैरिस के साथ वॉल्ज तो ट्रंप के साथ जेडी वेंस आधिकारिक उपराष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। पिछले महीने अचानक जो बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अपना नाम वापस ले लिया था, जिसके बाद कमला हैरिस ने समर्थन जुटाया और मंगलवार को वो आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो गई हैं।
कमजोर समझने की भूल मत करना
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई हैं। एक तरफ ट्रंप ने कहा है कि कमला हैरिस उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगी। वहीं, दूसरी ओर कमला हैरिस ने ट्रंप को उन्हें कमजोर नहीं समझने को कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस की दौड़ में भले ही ‘कमजोर’ (अंडरडॉग) समझा जा रहा है, लेकिन वह जमीनी स्तर पर अपने जन-केंद्रित प्रचार अभियान के बल पर नवंबर में होने वाला चुनाव जरूर जीतेंगी।