हर्षिता गोयल कहती हैं कि वह अपने परिवार से पहली महिला हैं जो सिविल सेवक बनने जा रही हैं। उन्हें अपने परिवार से काफी समर्थन मिला, खासकर उनके पिता से। वह बताती हैं कि उनकी मां अब उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उनके पिता ने न सिर्फ उनका साथ दिया, बल्कि घर, छोटे भाई और दादा-दादी की भी देखभाल की। इसके साथ ही उनके दोस्तों का भी बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया।
महिलाओं को प्रेरित करने का सपना रखती हैं हर्षिता गोयल
हर्षिता गोयल का सपना हमेशा से ही सिविल सेवा में शामिल होने का था। उनका मानना है कि महिलाएं अपार ताकत से भरी होती हैं, जिसे वे पहचान नहीं पातीं। हर्षिता का लक्ष्य है कि वह महिलाओं के जीवन को सुधार सकें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें।
उनका कहना है कि महिलाएं अपने परिवार का नाम रौशन कर सकती हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं। इसके अलावा, हर्षिता सल्म्स में रहने वाले बच्चों के लिए काम करने की इच्छा रखती हैं, ताकि वे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें और उनका जीवन स्तर सुधर सके।
वह कहती हैं, “मैं महिलाओं और उनके परिवार के मेल सदस्यों को प्रेरित करना चाहती हूं, ताकि वे एक-दूसरे को प्रोत्साहित करें और महिलाएं आगे आ सकें। उनका सपोर्ट सिस्टम बन सके। मेरे इस सफलता का कारण मेरे पिता हैं, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया।” उनका मानना है कि मजबूत सपोर्ट सिस्टम से महिलाएं अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती हैं।