UP: संभल में ASI टीम ने किया बावड़ी का निरीक्षण; परत दर परत निकल रही प्राचीन इमारत; साफ दिखने लगीं 13 सीढ़ियां

सभी मजदूर बावड़ी के गलियारे से सीढ़ी तक लाइन से खड़े होकर मिट्टी हटाने के काम में जुट गए। मजदूर गलियारे से मिट्टी निकाल कर बाहर डाल रहे थे। वही जेसीबी मिट्टी को ट्रैक्टर-ट्राली में भर रही थी। शाम छह बजे करीब अंधेरा होने पर कार्य रोक दिया गया। तब तक बावड़ी में जा रही तेरह सीढ़ी स्पष्ट नजर आने लगीं।
खुदाई में बावड़ी की दीवार नजर आई
बता दें कि मोहल्ला लक्ष्मण गंज में बांके बिहारी मंदिर मिलने के बाद सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में बांकेबिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार कराने और मंदिर के कुछ दूरी पर गली में खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा करते हुए डीएम राजेंद्र पैंसिया को प्रार्थनापत्र दिया था। डीएम के आदेश पर उसी दिन दोपहर में एडीएम न्यायिक सतीश कुशवाह के साथ तहसील और पालिका की टीम ने मौके पर पहुंच कर खुदाई शुरू की तो बावड़ी की दीवार नजर आई।
बावड़ी का राज खोलने के लिए लगी 50 लोगों की टीम
बावड़ी का राज खोलने के लिए नगर पालिका परिषद के पचास लोगों की टीम कार्य में लगी है। जल निगम के जेई अनुज कुमार ने बताया कि बावड़ी का अस्तित्व सामने लाने के लिए पालिका के दो सेनेटरी इंस्पेक्टर, एक रेवन्यू इंस्पेक्टर, एक जेई की देखरेख में 30 मजदूर काम कर रहे हैं। एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी लगाया गया है।