Published On: Thu, Dec 12th, 2024

UP, राजस्थान, हरियाणा बसों के दिल्ली में आने पर रोक: इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों को ही मिलेगी एंट्री; प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश


नई दिल्ली3 मिनट पहले

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कोर्ट ने GRAP- 2 प्रतिबंधों के साथ GRAP- 3 के कुछ उपायों को भी लागू करने के निर्देश दिए हैं। - Dainik Bhaskar

कोर्ट ने GRAP- 2 प्रतिबंधों के साथ GRAP- 3 के कुछ उपायों को भी लागू करने के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली प्रदूषण पर गुरुवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इंटरस्टेट बसों को शहर में आने पर रोक लगाने के निर्देश दिए। हालांकि, EV, CNG और BS- 6 ग्रेड के डीजल वाहन आ सकेंगे।

ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की बसों और टेंपो ट्रैवलर को भी इससे छूट मिलेगी। मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने की।

बेंच ने GRAP- 2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के प्रतिबंधों के साथ GRAP- 3 के कुछ उपायों को भी लागू करने के निर्देश दिए हैं। इन उपायों में पानी का छिड़काव, मशीनों से सड़कों की सफाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस में बढ़ोतरी करना शामिल है।

साथ ही अलग-अलग टाइम पीरियड के दौरान किराए की अलग-अलग दरें लागू करने का उपाय भी शामिल है। इसकी वजह लोगों को पीक ऑवर के दौरान ट्रैवल करने से रोकना है। इसके अलावा कोर्ट ने आदेश किया कि 5 दिसंबर को पिछले आदेश में दिए गए निर्देश भी अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे।

पिछली सुनवाई में GRAP- 4 में ढील दी थी कोर्ट ने 2 दिसंबर को कहा था कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार गिरावट की ट्रेंड देखने के बाद ही GRAP- 4 प्रतिबंधों में ढील की मंजूरी देगा। इसके बाद 5 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई में 18 नवंबर से 4 दिसंबर तक के AQI डेटा का रिव्यू किया गया।

इस दौरान कोर्ट ने नोट किया कि 30 नवंबर तक AQI लेवल 300 से ऊपर था लेकिन, 4 दिसंबर तक यह 300 से नीचे आ गया। इसके बाद कोर्ट ने 5 दिसंबर को GRAP- 4 के प्रतिबंधों को कम करके GRAP- 2 में बदलने की इजाजत दी थी।

साथ ही निर्देश दिया था कि AQI 350 से ज्यादा होने पर GRAP- 3 और 400 से ज्यादा हो जाने पर GRAP- 4 के प्रतिबंधा लागू किए जाएं।

जानें, पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने क्या कहा…

2 दिसंबर: पाबंदियां लागू होने के बाद मजदूरों को कितना भुगतान किया अगले तीन दिन में AQI का स्तर फिर देखेंगे। सुधार होने पर GRAP IV की पाबंदियां हटाने पर फैसला लिया जाएगा। कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार​​​​​​ के चीफ सेक्रेटरी से पूछा था कि, ‘ GRAP-IV पाबंदियां लागू होने के बाद कितने कंस्ट्रक्शन मजदूरों को कितना भुगतान किया। 5 दिसंबर को वे सुनवाई में मौजूद रहें।’ दिल्ली सरकार ने बताया कि उसने 90,000 कंस्ट्रक्शन मजदूरों को तत्काल 5,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। 25 नवंबर: कमीशन बताए कि स्कूल कैसे खुलें अगले दो दिनों में AQI का स्तर फिर देखेंगे, अगर कुछ सुधार होता है तो GRAP IV के क्लॉज 5 और 8 को हटाने पर विचार कर सकते हैं। सवाल यह है कि क्या GRAP IV के मानदंडों में छूट की आवश्यकता है। जब तक कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI में लगातार गिरावट हो रही है, GRAP III या GRAP II में जाने की अनुमति नहीं दे सकते। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में 113 एंट्री पॉइंट पर चेकिंग का क्या स्टेटस है। 22 नवंबर: सरकार ने ट्रकों की एंट्री बैन पर कुछ नहीं किया कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार की कोशिशों से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए कुछ नहीं किया है। अदालत ने आगे कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’ 18 नवंबर: 12वीं तक के क्लासेस ऑनलाइन करें सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।

14 नवंबर: खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। दरअसल एमिकस क्यूरी ने कहा था- CAQM को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने AQI को खराब होने देने से पहले GRAP-III को क्यों नहीं लागू किया। 11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। 4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

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