Published On: Thu, Jul 18th, 2024

UP बीजेपी चीफ ने खोलकर रख दी सारी हकीकत, बता दिया आगे का प्लान


पायल मेहता, अमित सिंह
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी में सियासी उधेड़बुन की अटकलें तेज़ हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के दिल्ली आकर जेपी नड्डा से मिलने और फिर यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दे दी. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की पीएम मोदी के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत चली और फिर वह अमित शाह से मिलने पहुंचे. इन मुलाकतों से अटकलें लगने लगीं कि यूपी बीजेपी में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा यानी योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जबकि राज्य की कैबिनेट में थोड़ी बदलाव हो सकता है.

बीजेपी से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने News18 को बताया कि पार्टी की राज्य इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने यूपी में पार्ट के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार कारणों का जिक्र किया है. इसमें उन्होंने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 8% वोट कैसे कम हुआ.

सूत्रों के मुताबिक, यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की एक वजह तो यह बताई गई कि प्रशासन के दबदबे के कारण पार्टी को काफी असंतोष का सामना करना पड़ा. चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने खुद को अलग-थलग और हतोत्साहित महसूस किया. इसके साथ ही क्षेत्रीय प्रभारी और अध्यक्षों ने जनता में नाराजगी के बावजूद मौजूदा सांसदों को ही टिकट दे दिया गया, जबकि उनके खिलाफ जनता में आक्रोश था.

इसके अलावा उन्होंने जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, थाना-तहसील पर अधिकारियों की अनदेखी, जनता का काम न करा पाना और संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसे भ्रामक मुद्दे भी गिनाए. वहीं दोबारा टिकट पाकर तमाम प्रत्याशी प्रधानमंत्री मोदी के भरोसे बैठे रहे, वहीं कई प्रत्याशियों ने अपने अहंकार के कारण कार्यकर्ताओं को पूछा तक नहीं. इसलिए नाराज होकर कार्यकर्ता भी घर बैठ गया.

सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि तमाम सीटों पर विधायकों और प्रत्याशियों के बीच अंदरूनी घमासान भी हार की वजह बना. तमाम विधायक खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वह भी विपक्ष के साथ पार्टी प्रत्याशी को ही चुनाव हराने में जुट गए.

इसके साथ ही यह भी बताया गया कि भाजपा की ओर से 400 पार के नारे का उल्टा असर हुआ. विपक्ष दलित और पिछड़ों को यह समझाने में कामयाब रहा कि अगर भाजपा की सीटें 400 पार आ गई तो ये लोग संविधान बदल देंगे और आरक्षण खत्म कर देंगे.

यूपी बीजेपी चीफ ने इसके साथ ही राज्य में पार्टी के प्रदर्शन को सुधारने का प्लान भी बताया है. इसमें उन्होंने बताया कि पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता अब स्थिति पर नियंत्रण करना है. इसमें बताया गया कि पार्टी बड़े पैमाने पर बर्खास्तगी या बड़े नेताओं को हटाने के लिए बहुत उत्सुक नहीं है. पार्टी कैडर द्वारा उठाए गए मुद्दों को संभालने में सक्षम होने के लिए बेहतर तंत्र को लागू करने, ज़मीन पर अधिक से अधिक नेताओं को आकर्षित करने की जरूरत है.

समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया कि इन प्रमुख मुद्दों पर प्रशासन के प्रभुत्व को नियंत्रित करने की जररूत है. इसके अलावा टकराव को अलग रखकर महत्वपूर्ण मामलों पर आम सहमति बनानी चाहिए. वहीं ओबीसी एससी/एसटी के खोए हुए वोट को वापस जीतने के लिए कार्यक्रम किए जाने चाहिए.

Tags: Amit shah, Narendra modi, UP BJP



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