Published On: Fri, Jun 7th, 2024

UK general elections to be held on July 4, announces Rishi Sunak | ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव: प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का ऐलान, PM के रूप में पहली बार वोटर्स का सामना करेंगे


37 मिनट पहले

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ऋषि सुनक ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कैबिनेट मीटिंग के बाद चुनाव का ऐलान किया। - Dainik Bhaskar

ऋषि सुनक ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कैबिनेट मीटिंग के बाद चुनाव का ऐलान किया।

ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होंगे। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार रात लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट से इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के लिए अपना भविष्य चुनने का समय आ गया है। किंग चार्ल्स III को चुनाव की टाइमलाइन के बारे में जानकारी देने के बाद जल्द ही संसद भंग कर दी जाएगी। उसके बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी।

बतौर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक चुनाव में पहली बार वोटर्स के सामने जाएंगे। 2022 में सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी ने चुनाव से पहले PM फेस का ऐलान नहीं किया था। चुनाव के बाद पार्टी के संसदीय दल ने सुनक को अपना नेता चुना था। सुनक को करीब 200 सांसदों का समर्थन मिला था, जिसके बाद वे पीएम बने थे।

44 साल के ऋषि सुनक ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने अक्टूबर 2022 में पदभार ग्रहण किया था। यहां जनवरी 2025 में आम चुनाव होने की संभावना थी। सुनक के पास चुनाव की घोषणा के लिए दिसंबर तक का वक्त था, लेकिन उन्होंने 7 महीने पहले ही इसका ऐलान कर दिया।

2022 में फिक्स्ड टर्म इलेक्शन एक्ट रद्द करने के बाद ब्रिटेन में प्रधानमंत्री को चुनाव की तारीख तय करने का अधिकार मिला था। प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के लिए सबसे फायदेमंद समय देखकर चुनाव की तारीख तय करते हैं।

ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मीडिया से बात करते हुए।

ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मीडिया से बात करते हुए।

पार्टी के कुछ सांसद सुनक के खिलाफ
ब्रिटेन की सत्तारूढ़ कंज़र्वेटिव पार्टी के एक स्रोत ने BBC को बताया है कि पार्टी के कुछ सांसद ऋषि सुनक के खिलाफ अविश्वास मत की मांग कर रहे हैं। एक सांसद ने पार्टी के मौजूदा माहौल को ‘पेनिक’ की स्थिति वाला बताया है।

ऋषि सुनक 25 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे। वह पहले ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले लिज ट्रस प्रधानमंत्री थी, जिनका कार्यकाल सिर्फ 49 दिन का था। लिज की सरकार में सुनक वित्त मंत्री थे।

लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर से है सुनक का मुकाबला
ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी और लेवर पार्टी के बीच मुकाबला है।सुनक का मुकाबला लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर से है। कीर स्टार्मर इंग्लैंड में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के पूर्व डायरेक्टर और अप्रैल 2020 से लेबर पार्टी के नेता हैं।

कई ओपिनियन पोल में लेबर पार्टी सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी से काफी आगे है। हालांकि, कंजर्वेटिव और लेबर के बाद स्कॉटिश नेशनल पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी ब्रिटेन की तीन सबसे बड़ी पार्टियां हैं।

ब्रिटेन में 14 सालों से सत्ता में हैं कंजर्वेटिव पार्टी
ब्रिटेन में पिछले 14 सालों से कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में है। ब्रिटिश मीडिया फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, ब्रिटेन में हो रहे अलग-अलग सर्वे में लेबर पार्टी बढ़त बना रही है। मार्च में आए इप्सोस पोल में सुनक को 38 रेटिंग दी गई, जो सबसे खराब रेटिंग थी।

ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स (लोअर हाउस) में कुल 650 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की जरूरत होती है। अप्रैल में YouGov के पोल में बताया गया था कि कंजर्वेटिव पार्टी को आने वाले चुनाव में सिर्फ 155 सीटें मिलेगी, जबकि 2019 में पूर्व PM बॉरिस जॉनसन ने 365 सीटें जीती थी। वहीं, इस पोल में विपक्षी लेबर पार्टी को 403 सीटें मिलने का दावा किया गया।

2019 के बाद 10 उपचुनाव हार चुकी है कंजर्वेटिव पार्टी
ब्रिटेन में 2019 के आम चुनावों में तत्कालीन PM बॉरिस जॉनसन ने पार्टी को बहुमत दिलाया था, लेकिन उसके बाद एक ही कार्यकाल में 10 से ज्यादा उपचुनाव पार्टी हार चुकी है। करीब 3 महीने पहले ब्रिटेन में दो सीटों वेलिंगबर्ग और किंग्सवुड में हार से कंजर्वेटिव सांसद चिंता में पड़ गए हैं।

वेलिंगबर्ग में कंजर्वेटिव सांसद पीटर बोन को हटाने के बाद चुनाव हुए थे। यहां लेबर पार्टी के सांसद जेन किचेन को 45.8% वोट मिले, जो पिछली बार से 28.5% ज्यादा थे। यह सीट 2005 से कंजर्वेटिव पार्टी के पास थी। यही स्थिति किंग्सवुड की थी, जहां लेबर पार्टी को 44.9% वोट मिले, जो पिछली बार से 16.4% ज्यादा है। ये सीट 2010 से कंजर्वेटिव पार्टी के पास थी।

कौन है ऋषि सुनक?
ऋषि सुनक के पैरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए। सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैम्पशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की। उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में काम करती हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं।

पत्नी अक्षता मूर्ति और बेटियों के साथ ऋषि सुनक।

पत्नी अक्षता मूर्ति और बेटियों के साथ ऋषि सुनक।

नारायण मूर्ति के दामाद हैं

  • ऋषि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
  • ऋषि सुनक के पेरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए।
  • सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैंपशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया है।
  • सुनक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
  • राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की।
  • उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (MHS) में कार्यरत हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रैजुएट हैं।
नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से साल 2009 में हुई थी ऋषि सुनक की शादी।

नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से साल 2009 में हुई थी ऋषि सुनक की शादी।

राजनीतिक सफर पर एक नजर
ऋषि 2015 में पहली बार सांसद चुने गए। 2018 में स्थानीय सरकार में बतौर मंत्री शामिल हुए। 2019 में उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार कैम्पेन में ऋषि का अहम रोल रहा है। मीडिया इंटरव्यू के लिए सरकार अक्सर उन्हें ही आगे रखती है। इसके अलावा PM बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में भी उन्होंने अहम रोल दिखाया। कई मौकों पर टीवी डिबेट में बोरिस की जगह पर ऋषि ने हिस्सा लिया।

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