ब्रिटेन की सख्त वीजा-आव्रजन नीतियों का असर देश के नवीनतम प्रवासन आंकड़ों में दिखाई दिया है। इनके मुताबिक, जहां कुल प्रवासन में गिरावट दर्ज की गई वहीं गत वर्ष देश छोड़ने वाले विदेशियों के सबसे बड़े समूह में भारतीय छात्र और श्रमिक शामिल हो गए हैं। अध्ययन के उद्देश्य से आए लगभग 37,000 भारतीय तथा कामकाजी कारण से आए 18,000 लोग व अन्य अनिर्दिष्ट कारणों से आए 3,000 लोग प्रवासन की प्रवृत्ति में सबसे आगे हैं। इसके बाद चीनी छात्र व श्रमिक (45,000) हैं।
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यह जानकारी ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के 2024 के विश्लेषण के अनुसार है। इसमें नाइजीरियाई (16,000), पाकिस्तानी (12,000) और अमेरिकी (8,000) लोग भी शीर्ष पांच आव्रजन नागरिकता वाले लोगों में शामिल हैं। इसके मुताबिक, कुल शुद्ध प्रवासन में 4,31,000 की गिरावट आई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आधी है।
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पीएम कीर स्टार्मर ने जताई खुशी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टॉर्मर मौजूदा आंकड़ों से खुश हैं। उन्होंने कहा, कंजर्वेटिव पार्टी के समय शुद्ध आव्रजन लगभग 10 लाख तक पहुंच गया, जो बर्मिंघम की आबादी के बराबर है। मुझे पता है कि आप इस बात से नाराज हैं, और मैंने आपसे वादा किया था कि मैं इसे बदल दूंगा। वह बोले, आज के आंकड़े बताते हैं कि हमने पिछले साल शुद्ध आव्रजन को लगभग आधा कर दिया है।