Published On: Tue, Nov 12th, 2024

Udaipur Kanhaiyalal Murder Case Supreme Court Issues Notice To Murder Accused Seeks Response From Nia Too – Amar Ujala Hindi News Live


Udaipur Kanhaiyalal murder case Supreme Court issues notice to murder accused seeks response from NIA too

कन्हैयालाल हत्याकांड
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


राजस्थान के उदयपुर में साल 2022 में कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। हालांकि, हत्याकांड के एक आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। वहीं, अब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से NIA और आरोपी मोहम्मद जावेद को नोटिस जारी किया गया है। कन्हैयालाल के बेटे ने इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने इस साल सितंबर में एक आरोपी को जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि प्रथम दृष्टया यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे कि अपीलकर्ता ने दो मुख्य आरोपियों के साथ साजिश रची थी। यह मामला जस्टिस एमएम सुंदरेश और अरविंद कुमार की बेंच के समक्ष आया। यश तेली का प्रतिनिधित्व एडवोकेट नेमी सक्सेना ने पीठ के समक्ष किया। सक्सेना ने तर्क दिया कि इस विशेष आरोपी जावेद की भूमिका बहुत गंभीर है। क्योंकि उसने हमलावरों को मृतक कन्हैयालाल के ठिकाने और उपस्थिति के बारे में जानकारी दी थी। सक्सेना ने जोर देकर कहा कि उसके द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता पर गहराई से विचार किए बिना उसे जमानत देने में हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं था। दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया।

याचिका में क्या कहा गया…

याचिका में कहा गया है कि हत्या देश भर में सांप्रदायिक रूप से उत्तेजित माहौल में की गई थी।याचिका में आगे कहा गया है कि आरोपियों ने खुद को इकट्ठा किया, हत्या करने की तैयारी की, हथियार एकत्र किए, रेकी की, मृतक के ठिकाने की जानकारी देने के लिए प्रतिवादी नंबर 2 (जावेद) को लगाया। उसके बाद ग्राहक की वेश में दर्जी की दुकान में घुसे, जब कन्हैयालाल उनका माप ले रहा था तो बीच रास्ते में कैमरा लगाया, सांप्रदायिक नारे लगाए, दर्जी पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आगे कहा गया है कि हत्या करने के लिए धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया और बाद में सोशल मीडिया पर कृत्य का एक वीडियो साझा किया और प्रधानमंत्री सहित अन्य लोगों का सिर काटने की धमकी दी। उनका उद्देश्य समुदायों के बीच घृणा, विभाजन और दुश्मनी को बढ़ावा देना था। जून 2022 में दो मुख्य आरोपी रियाज अटारी और गौस मोहम्मद कथित तौर पर राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल दर्जी की दुकान में घुस गए थे। आरोपियों ने खुद को ग्राहक के रूप में प्रच्छन्न किया और लाल की गर्दन और हाथों पर धारदार चाकुओं से हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। बाद में आरोपियों ने सांप्रदायिक नारे लगाते हुए और हत्या को सही ठहराते हुए अपना वीडियो वायरल कर दिया था। मामले की जांच एनआईए ने की और जावेद समेत आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।

आरोप है कि जावेद कन्हैयालाल की दुकान के पास ही एक दुकान में काम करता था और उसने वारदात के समय हमलावरों को अपना ठिकाना बताया और मृतक के ठिकाने के बारे में भी जानकारी दी। हाईकोर्ट ने जावेद को इस आधार पर जमानत दे दी कि प्रथम दृष्टया इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि अपीलकर्ता ने दोनों मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची थी।

यश तेली (कन्हैयालाल का बेटा) की याचिका में कहा गया है, हाईकोर्ट यह मानने में विफल रहा कि यूएपीए अधिनियम की धारा 43-डी (5) के तहत जमानत के संबंध में विशेष प्रावधान यूएपीए अधिनियम की धारा 18 और 20 सहित अध्याय IV के तहत दंडनीय अपराधों पर लागू होते हैं। विशेष न्यायाधीश (एनआईए मामले) जयपुर ने सही ढंग से निर्धारित किया कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोप प्रथम दृष्टया सत्य है। सक्सेना ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से मिनी-ट्रायल चलाया था और जयपुर के विशेष न्यायाधीश द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया था।

याचिका में कहा गया है, एनआईए द्वारा दायर आरोप पत्र के अवलोकन से यह साबित हो सकता है कि प्रतिवादी नंबर 2 गिरोह का एक प्रमुख सदस्य था, जिसने अपराध को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह घटना से पहले मुख्य आरोपी के संपर्क में था और उसने मृतक के ठिकाने के बारे में जानकारी दी थी, ताकि अपराध को अंजाम देने में मदद मिल सके।

जांच एजेंसी पेश नहीं कर पाई लोकेशन

जब यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट में चला। तब पीड़ित पक्ष की ओर से यही कहा गया था आरोपी जावेद मुख्य आरोपियों के नजदीकी संपर्क में था। उसी ने रेकी करने के बाद कन्हैयालाल की लोकेशन आरोपियों को बताई थी। आरोपी जावेद के पक्ष के वकीलों का तर्क था कि जांच एजेंसी ने जावेद को इंडियाना टी स्टॉल पर बैठकर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। लेकिन टी स्टॉल के मालिक ने यह नहीं बताया कि जावेद उसकी दुकान पर आया था। एनआईए ने आरोपी जावेद की घटना के दिन की लोकेशन भी कोर्ट में पेश नहीं की है। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर आरोपी जावेद को जमानत दी। क्योंकि आरोपी जुलाई 2022 से जेल में बंद है और जांच एजेंसी उसकी लोकेशन ही साबित नहीं कर सकी।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>