Published On: Sun, May 25th, 2025

Transformer Installation Dispute Congress District President Accused Of Reaching With Goons Stopping Work – Alwar News


अलवर शहर की जनता कॉलोनी में बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए लगाए जा रहे ट्रांसफॉर्मर को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि रविवार को जैसे ही ट्रांसफॉर्मर लगाने का कार्य शुरू हुआ, मौके पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा अपने समर्थकों और कथित रूप से लाठी-डंडों से लैस गुंडों के साथ पहुंच गए और काम को जबरन रुकवा दिया। इसके बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
 
स्थानीय निवासियों और पार्षदों ने आरोप लगाया कि योगेश मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग कर सार्वजनिक हित में हो रहे कार्य को बाधित किया। लोगों का कहना है कि ट्रांसफॉर्मर जिस भूमि पर लगाया जा रहा था, वह सार्वजनिक जमीन है जहां पहले से ही एक मंदिर और एक कुआं स्थित है। बावजूद इसके मिश्रा ने उस भूमि पर स्वामित्व जताते हुए काम को रुकवा दिया और कर्मचारियों को डराने की कोशिश की।

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‘गुंडों के साथ आए कांग्रेस नेता, कर्मचारियों को धमकाया’

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मिश्रा बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे और इनमें से कई लोग लाठी-डंडों से लैस थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने ना केवल कार्य में बाधा डाली बल्कि कर्मचारियों और क्षेत्रवासियों को डराने-धमकाने की भी कोशिश की। इस पूरे घटनाक्रम से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया और लोग भयभीत हो गए।

 

‘जमीन पर कब्जे की मंशा’

स्थानीय पार्षद और निवासियों ने कहा कि मिश्रा की असली मंशा उस सार्वजनिक भूमि पर कब्जा जमाने की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफॉर्मर लगाने का विरोध सिर्फ एक बहाना है ताकि वह उस जमीन पर दावा ठोंक सकें। जनता का कहना है कि मिश्रा का उस जमीन पर कोई वैधानिक स्वामित्व नहीं है, फिर भी उन्होंने उसे निजी संपत्ति बताकर काम रुकवा दिया।

 

योगेश मिश्रा की सफाई- रास्ता बंद हो जाएगा

विवाद के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने पास में 50 लाख रुपये में एक प्लॉट खरीदा है और ट्रांसफॉर्मर वहां लगने से उनके प्लॉट का रास्ता बंद हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्लॉट उन्होंने एग्रीमेंट पर लिया है और कार्य से उनका वैध अधिकार प्रभावित हो रहा है।

 

हालांकि जनता मिश्रा की इस दलील को सिरे से खारिज कर रही है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक झूठा बहाना है और असली मंशा सार्वजनिक जमीन पर कब्जा करने की है। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि मिश्रा ने पुलिस को भी साथ लाकर जनता को डराने का प्रयास किया और पुलिस ने उल्टा स्थानीय लोगों को ही थाने चलने के लिए कहा।

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पुलिस ने संभाला मोर्चा

घटना के बाद विवाद बढ़ता देख पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति पर काबू पाया गया, लेकिन स्थानीय लोगों में आक्रोश अब भी बना हुआ है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ट्रांसफॉर्मर का कार्य तुरंत शुरू कराया जाए और सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालने वाले व्यक्ति ‘चाहे वह किसी भी पद पर हो’ के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

 

‘जनता की जरूरतों से ऊपर नहीं कोई नेता’

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने कहा कि बिजली संकट से जूझ रहे कॉलोनीवासियों के लिए यह ट्रांसफॉर्मर बेहद जरूरी था और एक नेता की व्यक्तिगत मंशा या संपत्ति का हवाला देकर इस पर रोक लगाना जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी व्यक्ति पद का दुरुपयोग कर सार्वजनिक हित में बाधा नहीं डाल सकता।

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