The Fight Between The Minister And The Mp Reached From Dn To Affidavit – Amar Ujala Hindi News Live
Rajasthan: आदिवासी और हिन्दू अलग-अलग सियासी दांव कितना कारगर होगा यह समय बताएगा। लेकिन खुद को आदिवासियों के हिंदू से अलग होने का दावा करने वाले बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत का चुनावी शपथ पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें रोत ने अपनी जाति भील लिखी है।
सांसद राजकुमार रोत
– फोटो : अमर उजाला
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बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत और भजनलाल सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की जुबानी जंग ने सियासी गलियारों में घमासान मचा रखा है। आदिवासी भील समुदाय से आने वाले राजकुमार रोत ने खुद को हिंदू मानने से मना किया तो दलित समाज से आने वाले दिलावर ने उन्हें डीएनए टेस्ट करवाने की सलाह दे डाली।
रोत ने इसे आदिवासी समाज का अपमान बताते हुए कहा कि आदिवासी समाज दिलावर को अपने ब्लड सैंपल्स भेजेगा। अब सोशल मीडिया के कुछ हैंडल्स पर रोत का चुनावी हलफनामा डाल कर पूछा जा रहा है कि जब वे खुद को हिंदू नहीं मानते हैं तो उन्होंने इसमें अपनी जाति भील क्यों लिखी।
गौरतलब है कि बीजेपी के दिग्गज प्रत्याशी महेंद्रजीत मालवीय को हराकर विधायक से सांसद बने ‘बाप’ पार्टी के नेता राजकुमार रोत खुद भी अपने चुनावी शपथ पत्र में खुद की जाति भील लिख रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर उनका चुनावी हलफनामा पोस्ट कर यह पूछा जा रहा है कि वे हिंदू होने के नाते जातिगत आरक्षण का लाभ क्यूं ले रहे हैं। यह जातिगत व्यवस्था केवल हिन्दू धर्म में ही है। इसी के आधार पर आरक्षण का निर्णय किया जाता है।