Published On: Wed, Jun 4th, 2025

Tatkal Tickets: तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर रेलवे करेगा ये बड़ा बदलाव, इस प्रक्रिया का करना होगा पालन


तत्काल रेलवे टिकटों की हो रही कालाबाजारी को लेकर केंद्र सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण की सुविधा शुरू करेगा। जिससे सही यात्री इस सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।

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अश्विनी वैष्णव ने कहा, भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन की शुरुआत करेगा। इससे जरूरत के समय वास्तविक यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलना आसान होगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य दलालों पर रोक लगाना और असली यात्रियों को प्राथमिकता देना है 

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आईआरसीटीसी ने बंद किए 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी

तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को बंद (डिएक्टिवेट) कर दिया है। ये आईडी ऐसे लोग या एजेंट्स चला रहे थे, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने बताया कि रेलवे ने अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली को पूरी तरह डिजिटली मॉडर्नाइज कर दिया है। अब वेबसाइट पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित एंटी-बॉट सिस्टम लगाया गया है, जो फर्जी और ऑटोमेटिक बुकिंग करने वाले बॉट्स को तुरंत पहचान कर ब्लॉक कर देता है। 

कुमार ने बताया कि अब केवल सत्यापित और असली यूजर्स ही तत्काल टिकट बुकिंग सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे को पिछले 5 महीनों में 2.9 लाख संदिग्ध पीएनआर का पता चला था। ये वो सामान्य और तत्काल टिकट थे, जिसे बुकिंग शुरू होने के 5 मिनट के अंदर खरीदे गए थे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जनवरी से मई 2025 में 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी बंद कर दी गई है। इनमें से कई खाते एजेंटों या सॉफ्टवेयर से जुड़े थे, जो सिस्टम में खामियों का फायदा उठा रहे थे। इसके अलावा 20 लाख यूजर आईडी को दोबारा जांच के लिए रखा गया है।

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6,800 से ज्यादा डिस्पोजेबल ईमेल डोमेन ब्लॉक

रेलवे एक अधिकारी ने कहा, राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर 134 शिकायतें दर्ज की गई हैं और 6,800 से ज्यादा डिस्पोजेबल ईमेल डोमेन को ब्लॉक कर दिया गया है। डिस्पोजेबल ईमेल एड्रेसिंग का मतलब है कि हर संपर्क या काम के लिए एक अलग ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल करना। या फिर इसे कुछ ही बार इस्तेमाल करना। धोखेबाज लोग इन तरीकों का इस्तेमाल टिकट बुक करने और भोले-भाले यात्रियों से ज्यादा पैसे वसूलने के लिए कर रहे हैं। इस अभियान को और तेज किया जाएगा।

 

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