Surplus Teachers Appointed In Senior Secondary Govt Schools Of Himachal Will Be Replaced – Amar Ujala Hindi News Live


शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश।
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हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों में नियुक्त सरप्लस शिक्षक बदले जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से पंजीकृत विद्यार्थियों और नियुक्त शिक्षकों का ब्योरा तलब किया गया है। सोमवार को सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर एक सप्ताह में जानकारियां देने को कहा है। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले स्कूलों की भी अलग से रिपोर्ट मांगी गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं के युक्तिकरण की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए सभी जिलों से ब्योरा मांगा है। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूलों में कॉमर्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल संकाय बंद हो सकते हैं।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शिमला सहित जिला मुख्यालयों से सटे अधिकांश वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में आवश्यकता से अधिक प्रवक्ता हैं। इन स्कूलों में प्रवक्ताओं के पद तो सृजित हैं लेकिन संबंधित विषयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है। कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां संबंधित विषय का प्रवक्ता तो नियुक्त है लेकिन विषय को पढ़ने के लिए नाममात्र या कोई भी विद्यार्थी नहीं हैं। ऐसे में उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में दाखिले लेने वाले विद्यार्थियों और वहां नियुक्त शिक्षकों की जानकारी देने को कहा है। इन जानकारियों को जुटाने के बाद निदेशालय शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया को शुरू करेगा।
सरप्लस प्रवक्ताओं को अन्य स्कूलों में नियुक्तियां दी जाएंगी। प्रदेश में कई ऐसे स्कूल हैं जहां इस वर्ष काॅमर्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल संकाय में बहुत कम विद्यार्थियों ने दाखिले लिए हैं। इन विद्यार्थियों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया जा सकता है। शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। दूरदराज के क्षेत्रों में ऐसे भी कई स्कूल स्थित हैं जहां विद्यार्थियों की अधिक संख्या है लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए प्रवक्ता ही नहीं है। इन स्कूलों में प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शिक्षकों को भेजकर काम चलाया जा रहा है। इन सब कमियों को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं का युक्तिकरण करने का फैसला है। बीते दिनों स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए गए बारहवीं कक्षा के वार्षिक परिणाम को देखते हुए भी प्रवक्ताओं को बदलने का विचार जारी है।