Supreme Order Usha Is The Mayor Of Solan Mc Poonam Will Remain A Councilor – Amar Ujala Hindi News Live
सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम की मेयर ऊषा शर्मा और पार्षद पूनम ग्रोवर की सदस्यता को समाप्त करने पर रोक लगा दी है। मंगलवार को सर्वाेच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई और हिमाचल प्रदेश सरकार के आदेशों पर स्टे लगा दिया। इससे प्रदेश सरकार को झटका लगा है।
कांग्रेस की शिकायत पर ऊषा और पूनम के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करते हुए सरकार ने 10 जून को दोनों की सदस्यता को समाप्त कर दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ ऊषा व पूनम ने पहले हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहां से राहत न मिलने पर दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। प्रशासन ने 22 अगस्त वीरवार को निगम के महापौर का चुनाव करवाने की तिथि भी तय कर दी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अतिरिक्त उपायुक्त एवं प्राधिकृत अधिकारी अजय कुमार यादव ने 22 अगस्त को नगर निगम सोलन के मेयर के चुनाव की तिथि को कोर्ट के आगामी आदेश तक रद्द कर दिया है। इस बारे में ऊषा शर्मा ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। वह कांग्रेस में थीं और आज भी हैं। उनके खिलाफ साजिश हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने दिखाया राज्य सरकार को आईना : बिंदल
सुप्रीम कोर्ट के नगर निगम सोलन की मेयर ऊषा शर्मा और पार्षद पूनम ग्रोवर की सदस्यता बहाली के फैसले ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को आईना दिखा दिया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश सरकार की फजीहत हुई है।
सोलन में पत्रकार वार्ता में बिंदल ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया। बिंदल ने कहा कि सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार एक के बाद एक ऐसे निर्णय ले रही है, जिससे नए-नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। नगर निगम सोलन में मेयर को पहले की स्थिति में अपने कार्यों का निर्वहन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। बिंदल ने कहा, बड़ा सवाल यह है कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था, तो राज्य सरकार को चुनाव करवाने की जल्दी क्या थी।
बिंदल ने कहा कि सरकार लोगों के बेसिक राइट भी छीनने लगी है। सरकार ने 22 अगस्त को होने वाले मेयर के चुनाव के लिए आदेश जारी कर दिए कि पार्टी अपने एजेंट को वहां बिठाएगी और सभी पार्षदों को अपना वोट दिखाना होगा तभी वह वोट वैध होगा। इस मामले में भाजपा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने राहत देते हुए सरकार को नोटिस जारी किया है। अब सरकार को इसमें भी जवाब देना होगा।
चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
बिंदल ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग निष्पक्षता के दायरे में आ रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए सारा जोर चलाया जा रहा है।