Supply Of Urea Fertilizer Will Decrease By 25% In Himachal This Year – Amar Ujala Hindi News Live


सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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हिमाचल प्रदेश में एक वर्ष के भीतर दानेदार यूरिया और 12-32-16 खाद की आपूर्ति 25 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। फसलों में दानेदार खाद का अधिक इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए यह एक बड़ा झटका होगा। हालांकि इफको की ओर से दानेदार खाद के विकल्प के तौर पर बोतल की पैकिंग में आने वाली तरल नैनो यूरिया और डीएपी बाजार में उतारी गई है, लेकिन अभी तक किसानों का भरोसा दानेदार खाद पर ही अधिक कायम है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से बोरी वाली खाद पर हर वर्ष करोड़ों रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इसमें 12-32-16 खाद की एक बोरी पर 810 रुपये सब्सिडी दी जाती है, जिसमें 50 रुपये प्रति बोरी प्रदेश सरकार देती है। तो वहीं यूरिया खाद की एक बोरी पर करीब 1300 रुपये प्रति बोरी की सब्सिडी जारी होती है। बात हिमाचल प्रदेश की करें तो यहां हर साल 40,000 टन यानी 8,80,000 बोरी यूरिया खाद की सप्लाई होती है। वहीं, प्रतिवर्ष 12-32-16 खाद की 22,000 टन यानी 4,40,000 बोरी सप्लाई होती है। अब विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इसी कड़ी में इफको ने नैनो खाद को बाजार में उपलब्ध करवाया है।
नैनो खाद की गुणवत्ता में इजाफा
इफको ने फसलों पर बोरी वाली खाद से बेहतर नतीजे देने के लिए नैनो यूरिया खाद की गुणवत्ता को बढ़ाया है। पहले जहां नैनो यूरिया में नाइट्रोजन की मात्रा चार प्रतिशत थी, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, इस खाद में मौजूद अन्य पोषक तत्वों की मात्रा को भी बढ़ाया गया है। उधर 12-32-16 खाद के विकल्प के तौर पर नैनो डीएपी तरल खाद को बाजार में लाया गया है। कुल मिलाकर दानेदार खाद की सप्लाई कम होने पर किसानों के लिए नैनो तरल खाद का विकल्प उपलब्ध रहेगा। बता दें कि नैनो यूरिया की बाजार में कीमत 225 रुपये प्रति बोतल और नैनो डीएपी की 600 रुपये प्रति बोतल है, जबकि दानेदार यूरिया प्रति बैग 266 रुपये और 12-32-16 डीएपी 1420 रुपये प्रति बोरी है।