Published On: Fri, May 30th, 2025

Status quo order in succession dispute at Govind Devji temple | गोविंद देवजी मंदिर में उत्तराधिकार विवाद में यथास्थिति के आदेश: हाईकोर्ट ने महंत अंजन कुमार के भाई ओथेश कुमार की अपील पर दिए आदेश – Jaipur News



जयपुर के आराध्य माने जाने वाले गोविंद देवजी मंदिर के उत्तराधिकार का विवाद अब हाईकोर्ट पहुंच गया हैं। महंत अंजन कुमार का नाम मंदिर के एकल सेवारत महंत के रूप में दर्ज करने के अधीनस्थ अदालत के आदेश पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा हैं।

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जस्टिस गणेश राम मीणा की अदालत ने यह आदेश अंजन कुमार के भाई ओथेश कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अधिवक्ता सुखदेव सिंह सोलंकी ने कहा कि निचली अदालत ने लोक न्यास अधिनियम के प्रावधानों के तहत ज्येष्ठाधिकार को उत्तराधिकार का तरीका होने होने के आधार पर अंजन कुमार का नाम एकल सेवायत महंत के रूप में उनके स्वर्गवासी पिता के स्थान पर अंकित करने का आदेश दिया हैं।

वर्तमान में उत्तराधिकार अधिनियम लागू हो गया था। ऐसे में ज्येष्ठाधिकार परम्परा समाप्त हो गई और उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पिता की संपत्ति में सभी वारिसों का बराबर हक होता हैं।

वसीयत में तीनों पुत्रों को बराबर का हकदार माना उन्होने कहा कि याचिकाकर्ता के पिता प्रद्युम्न कुमार गोस्वामी ज्येष्ठाधिकार के आधार पर एकल सेवायत महंत बने थे। लेकिन उत्तराधिकार अधिनियम के तहत प्रद्युम्न कुमार के तीनों उत्तराधिकारी समान रूप से सेवायत महंत के हकदार को गए हैं।

प्रद्युम्न कुमार ने 22 जून, 1997 को अपनी वसीयत की थी। जिसमें उन्होंने अंजन कुमार, ओथेश कुमार और अनुज कुमार को महंत सेवायत का उपयोग व उपभोग करने का अधिकारी माना था। ऐसे में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए। वहीं अंजन कुमार की ओर से अधिवक्ता सुरुचि कासलीवाल ने याचिका में प्रारंभिक आपत्ति लगाते हुए कहा कि निचली अदालत के आदेश के खिलाफ प्रथम अपील पेश होती है।

जबकि याचिकाकर्ता ने सिविल अपील पेश की है। ऐसे में याचिका को इस आधार पर ही खारिज कर देना चाहिए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निचली अदालत के आदेश पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं।

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