Published On: Sat, Nov 23rd, 2024

Sonepur Mela : हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में भव्य नारायणी गंगा महाआरती का हुआ आयोजन, सदियों से चल रही परंपरा


Bihar News : Narayani Ganga Maha Aarti in Harihar area Sonepur Mela

गंगा आरती।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल

विस्तार


विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला- 2024 में शनिवार को नारायणी गंगा महाआरती का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन यूनिवर्सल सतयुग स्टेज इंडिया, धनुष कुटीर आश्रम (दक्षिणेश्वर काली घाट) और गंगा अर्चक दलों के संयुक्त प्रयास से किया गया। आरती के दृश्य को देखने के लिए घाट पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटी हुई थी। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस वर्ष 32 दिनों तक चलेगा। जिसके तहत नारायणी गंगा महा आरती का आयोजन यूनिवर्सल सतयुग स्टेज इंडिया न्यास द्वारा प्रायोजित अतंराष्ट्रीय गंगा बचाओ महा अभियान के तहत किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन का संचालन धनुष कुटीर आश्रम, दक्षिणेश्वर काली घाट के प्रमुख भगवान राम उर्फ बालक बाबा और उनके गंगा अर्चक दलों ने किया है।

गंगा महाआरती को काशी विश्वनाथ की धरती वाराणसी की गंगा आरती की तर्ज पर पूरे विधि- विधान से संपन्न किया गया। क्योंकि विद्वान पंडितों द्वारा गंगा पूजन के साथ ही मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर होने के कारण महाआरती के दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। महिलाओं, बच्चों और पुरुषों सहित हज़ारों श्रद्धालुओं ने गंगा महाआरती के इस आयोजन का हिस्सा बनकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर गंगा घाट पर गंगा को नमन किया। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले की यह गंगा महाआरती न केवल आध्यात्मिक चेतना को जागृत करती है, बल्कि गंगा संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता का भी संदेश देती है। 

गंगा नदी तट पर गंगा माता की प्रतिदिन आरती करने से जिंदगी में कभी भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती है। वहीं गंगाजल से स्नान और दान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। हरिहर क्षेत्र सोनपुर स्थित गंगा नदी तट पर गंगा महा आरती करने और स्नान करने की परंपरा सदियों से चली आए रही है। क्योंकि भगवान विष्णु के पैरों से निकली और शिवजी की जटाओं में निवास करते हुए पृथ्वी पर मनुष्यों का उद्धार करती है। वर्णित कथाओं की माने तो हरिहर क्षेत्र का मतलब यही होता है कि हरि (भगवान विष्णु) जबकि हरि (भगवान शिव) का उदगम स्थल सोनपुर में ही है।

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