Published On: Tue, Nov 5th, 2024

Sharda Sinha : दुखवा मिटाईं छठी मइया… शारदा सिन्हा का अंतिम गीत, मैंने प्यार किया में गाया, मगर पहचान छठ गीत


Bihar News : Chhath Puja Geet singer sharda sinha died last album before sharda sinha death

छठ गीतों का पर्याय रहीं शारदा सिन्हा को छठी मइया ने बुला लिया।
– फोटो : amar ujala digital

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दुखवा मिटाईं छठी मईया… स्वर साधिका शारदा सिन्हा ने छठी मईया से गुहार लगाई थी। और, पति के बिछोह के महज 44 दिनों के अंतराल पर लोक आस्था के महापर्व छठ के नहाय-खाय के दिन वह इस दुनिया से रुखसत हो गईं। छह-सात साल से कैंसर से जूझ रहीं 72 वर्षीय शारदा सिन्हा पति के असामयिक निधन के बाद टूटीं तो टूटती ही चली गईं। एम्स दिल्ली में भर्ती हुईं तो वापसी की चाहत नहीं थी। परिवार के साथ पूरा बिहार उम्मीद लगाए बैठा था, लेकिन उन्हें अपने पति के बाद शायद जिंदगी अधूरी लग रही थी। सोमवार को वेंटिलेटर पर गईं और मंगलवार को छठ के नहाय खाय की शाम छठी मइया ने उन्हें बुला लिया। छठ गीतों का पर्याय रहीं शारदा सिन्हा ने निधन के तीन दिन पहले ही अपना अंतिम छठ एल्बम एम्स से ही रिलीज कराया था।

शारदा सिन्हा से कई दशकों से जुड़ीं पत्रकार अंजिता सिन्हा रुंधे गले से कहती हैं- “लगभग छह दर्जन छठ गीतों को अपने स्वरों से सजा चुकीं शारदा सिन्हा हर साल एक नया छठ गीत एल्बम रिलीज करती थीं। इस बार भी किया और बेटे अंशुमान ने ‘दुखवा मिटाईं छठी मईया’ का ऑडियो रिलीज कर दिया। इस बार वीडियो की जगह ऑडियो आने की वजह भी शारदा जी की बीमारी थी। शायद वह जिस दुख को मिटाने की आस लगाए बैठी थीं, वह दुख पति से बिछोह ही था।”

छठ पर हर जगह बज रहा शारदा सिन्हा का गीत

यह श्रद्धा के साथ किस्मत भी है कि जब बिहार समेत देश-विदेश में छठ गीतों के जरिए शारदा सिन्हा की आवाज गूंज रही है, उसी समय उन्हें छठी मइया ने बुला लिया। कई बार उनकी मौत की अफवाह उठी थी। सोमवार से मंगलवार के बीच भी कई बार। इसके बावजूद एक उम्मीद जाग रही थी कि शायद यह स्थायी अफवाह ही साबित हो। लेकिन, चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन शारदा सिन्हा के गीतों की गूंज के बीच उनके वापस लौटने की उम्मीद टूट गई। “पटना के घाटे पर देब हम अरघिया ए छठी मईया…” का स्वर घर-घर में गुंजायमान है और अब इसे गाने वाली शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर छठ के समय ही पटना लाया जाएगा।

उनके गीतों से ही छठ का माहौल बनता रहा है हर जगह

बिहार ही नहीं, देश-दुनिया में जहां भी छठ होता है… इस समय मौजूद लोगों के जेहन में शारदा सिन्हा की ही आवाज गूंजती है। स्वर कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा के छठ गीतों की लोकप्रियता ऐसी है कि उनकी आवाज से ही माहौल बनता है। मंगलवार को भी जब उनकी मौत की अफवाह उड़ती रही, एक बड़ा वर्ग छठी मईया और सूरज देव से शारदा सिन्हा के शीघ्र स्वस्थ होने की  प्रार्थना कर रहा था- हे सुरुज देव, हे आदित नाथ सुन लीं अरजिया हमार…। उन्हें छठी मईया पर पूरा विश्वास था कि उनकी प्रार्थना का असर होगा और शारदा सिन्हा उनके बीच स्वस्थ होकर आएंगी, लेकिन शारदा सिन्हा को जीवनसंगी के पास पहुंचना था। सो, चली गईं।

पति के देहांत के बाद ही बीमारी की जानकारी सार्वजनिक की

पिछले महीने शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का ब्रेन हेमरेज से देहांत हो गया था। जीवनसाथी के बिछोह से उन्हें मर्मान्तक पीड़ा हुई। वह कई वर्षों से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं, लेकिन पति के निधन के बाद उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी। उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया और ऑन्कोलॉजी विभाग में इलाज चल रहा था। 

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