Published On: Wed, Jun 4th, 2025

Services PMI: मई में बेहतर मांग के कारण भारतीय सेवा क्षेत्र की वृद्धि बहुत हद तक स्थिर रही, रिपोर्ट में दावा


भारत में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर मई महीने में बहुत हद तक स्थिर रही। ऐसा मांग से जुड़ी अनुकूल परिस्थितियां, नए ग्राहक मिलने और उद्योगों की ओर से रोजगार देने की बेहतर क्षमता के कारण संभव हो पाया। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मई में 58.8 पर रहा। यह अप्रैल के 58.7 की तुलना में मामूली रूप से ऊपर रहा और इसमें तीव्र विस्तार की संभावना दिखी। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है।

Trending Videos

एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “भारत ने मई 2025 में 58.8 सेवा पीएमआई दर्ज किया, जो मोटे तौर पर हाल के महीनों की स्थिर रीडिंग जैसी ही है। मजबूत अंतरराष्ट्रीय मांग ने सेवा गतिविधि को बढ़ावा देना जारी रखा, जैसा कि अप्रैल से नए निर्यात व्यापार सूचकांक में तेजी से स्पष्ट है।” सर्वेक्षण के अनुसार, नए ऑर्डरों में तीव्र गति से वृद्धि हुई, जो मुख्य रूप से विज्ञापन, मांग की मजबूती और मौजूदा ग्राहकों से दोबारा मिले ऑर्डरों के कारण हुई।

भारतीय सेवा क्षेत्र की वैश्विक मांग में दिखा सुधार

कंपनियों ने मई के दौरान भारत के सेवा क्षेत्र के लिए सेवाओं के लिए वैश्विक मांग में भी लगभग सुधार दिखा। विशेष रूप से एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नए निर्यात ऑर्डरों में तेज वृद्धि दर्ज की गई। भंडारी ने कहा, “बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत के सेवा प्रदाताओं ने कर्मचारियों की भर्ती में भारी वृद्धि की। ऐसे में, रोजगार सूचकांक इस सर्वेक्षण में अब तक दर्ज किए गए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।”

पैनल के लगभग 16 प्रतिशत सदस्यों ने वेतन वृद्धि की बात कही, जबकि 1 प्रतिशत ने गिरावट का संकेत दिया। सर्वेक्षण में कहा गया, “सर्वेक्षण के इतिहास में रोजगार सृजन की समग्र दर सबसे मजबूत थी।” कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि और ओवरटाइम भुगतान के कारण कंपनियों की लागत में वृद्धि हुई। कुछ कंपनियों ने खाना पकाने के तेल, सामग्री और मांस पर अधिक व्यय का भी हवाला दिया।

इस साल सेवा क्षेत्र की गतिविधि मजबूत रहने की उम्मीद

इस बीच, मूल्य सूचकांकों ने इनपुट लागत और आउटपुट चार्ज मुद्रास्फीति में तेजी दिखाई। दोनों ही मामले में वृद्धि दर अपने ऐतिहासिक औसत से ऊपर पहुंच गई। मई में कारोबारी धारणा में सुधार हुआ। उम्मीद है कि अधिक स्टाफिंग क्षमता, ग्राहक बढ़ने और मार्केटिंग से इस साल सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को मदद मिलेगी। इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक मई में 59.3 पर आ गया। यह अप्रैल के 59.7 से मामूली रूप से कम है। यह समग्र गतिविधि में आगे तीव्र वृद्धि का संकेत देता है।

मुख्य सूचकांक में गिरावट कारखाना उत्पादन की धीमी वृद्धि को दर्शाती है, जबकि सेवा गतिविधि तीव्र गति से बढ़ी है। भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की मांग में लगातार सुधार के कारण दोनों क्षेत्रों में नौकरियों में सर्वेक्षण-रिकॉर्ड वृद्धि हुई। इसलिए, कुल रोजगार में अभूतपूर्व गति से वृद्धि हुई।

एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा लगभग 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के पैनल को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों से संकलित किया जाता है। इसमें शामिल क्षेत्रों में उपभोक्ता (खुदरा को छोड़कर), परिवहन, सूचना, संचार, वित्त, बीमा, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं शामिल हैं।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>