School Admission: अपने बच्चे का स्कूल में करा रहे हैं एडमिशन? तो इन बातों का रखें ध्यान, जानें एक्सपर्ट टिप्स

Last Updated:
School Admission Process: बच्चे के पहले स्कूल के चुनाव को लेकर पेरेंट्स को सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए. एजुकेशन एक्सपर्ट उपेंद्र शर्मा के अनुसार, कई बार एडमिशन प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण पेरेंट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पेरेंट्स को पहले खुद से रिसर्च करनी चाहिए, स्कूल की लिस्ट तैयार करनी चाहिए, स्कूल विजिट करनी चाहिए और स्कूल के माहौल, स्टाफ व एक्टिविटीज की जांच करनी चाहिए. स्कूल का चयन सोच-समझकर करें ताकि बार-बार स्कूल बदलने की जरूरत न पड़े.

पेरेंट्स अपने बच्चे का एडमिशन मनपसंद स्कूल में कराना चाहते हैं. लेकिन कई बार एडमिशन से जुड़े रूल्स और क्राइटेरिया की जानकारी न होने पर पेरेंट्स को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इसलिए, सोच-समझकर बच्चें का एडमिशन करवाएं. कोशिश यह करें कि किसी अच्छे स्कूल में एडमिशन हो और बार-बार स्कूल न बदलना पड़े.

एजुकेशन एक्सपर्ट उपेंद्र शर्मा ने बताया कि पेरेंट्स की सबसे बड़ी चिंता होती है बच्चे के लिए सही स्कूल का चयन करना. खासकर तब जब बच्चा पहली बार स्कूल जा रहा हो. ये वो जगह होती है, जहां बच्चा अपनी एजुकेशन लाइफ की शुरुआत करता है. हालांकि एक नए माहौल और नए लोगों के बीच में व्यवस्थित होना बच्चों के लिए मुश्किल होता है.

एजुकेशन एक्सपर्ट उपेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चे के लिए सही स्कूल चुनने के लिए पेरेंट्स स्कूल्स की लिस्ट तैयार करें. लिस्ट में हर क्षेत्र और हर तरह के स्कूल शामिल करें. इसमें उन स्कूल्स को भी शामिल करें, जिसमें आप बच्चे का एडमिशन कराना चाहते हैं. फिर उनमें से उन स्कूलों को शॉर्टलिस्ट करें जहां आप एडमिशन के लिए आवेदन करेंगे और इससे स्कूल चुनने में आसानी होगी.

एडमिशन प्रक्रिया में जुटने से पहले जितना हो सके खुद से रिसर्च करें. जिस स्कूल में आप बच्चे का एडमिशन कराना चाहते हैं, उसके बारे में पहले अच्छी तरह से सारी बातें पता कर लें. एडमिशन से पहले स्कूल के स्टाफ, शिक्षक, अन्य अधिकारी और दूसरे बच्चों के अभिभावकों से खुलकर बात करें. ये जानने की कोशिश करें कि क्या ये स्कूल आपके बच्चे के लिए सही है या नहीं.

एजुकेशन एक्सपर्ट उपेंद्र शर्मा ने बताया कि ज्यादातर फर्स्ट टाइम एडमिशन के लिए अप्लाई करने वाले पेरेंट्स को एडमिशन से जुड़े रूल्स और क्राइटेरिया की अहम बातें नहीं पता होती हैं. इससे उन्हें बच्चे के दाखिले को लेकर अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जब भी आप बच्चे के एडमिशन के लिए अप्लाई करें, तो एक बार ये जरूर देख लें कि कौन सा स्कूल क्राइटेरिया के आधार पर कितने प्वाइंट्स दे रहा है.

पेरेंट्स स्कूल में खुद जाएं, इससे वे स्कूल के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर पाएंगे. स्कूल जितने अच्छे वातावरण में रहेगा, बच्चा भी उतनी अच्छी तरह से विकास कर पाएगा. स्कूल के आस-पास का वातावरण और स्कूल के अंदर का माहौल दोनों आपके बच्चे के विकास पर असर करता है. इसलिए इसका खास तौर पर ख्याल रखना जरूरी है.

एजुकेशन एक्सपर्ट उपेंद्र शर्मा ने बताया कि खेल बच्चों के लिए पढ़ाई जितने ही जरूरी हैं. स्कूल चुनने से पहले पेरेंट्स इस बात पर ध्यान दें कि स्कूल में अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य ऐक्टिविटीज पर भी ध्यान देते हो. खेल के साथ-साथ मॉरल एक्टिविटी पर भी ध्यान हो स्कूल का.