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संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Fri, 01 Nov 2024 10:41 AM IST
याचिकाकर्ता ने नगर निगम आयुक्त की ओर से दिए फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोहम्मद लतीफ की ओर से जो हलफनामा दायर किया है, वह गैर कानूनी है।
अदालत(सांकेतिक) – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का मुद्दा फिर गरमा गया है। लतीफ नेगी की ओर से नगर निगम आयुक्त को दिए गए हलफनामे को जिला अदालत में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने नगर निगम आयुक्त की ओर से दिए फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोहम्मद लतीफ की ओर से जो हलफनामा दायर किया है, वह गैर कानूनी है। लतीफ की तरफ से जो हलफनामा दायर किया गया है, वह कमेटी की सहमति के बगैर दायर किया गया है। नजाकत हाशमी बनाम एमसी शिमला के नाम से यह अपील दायर की गई है।
गौरतलब है कि नगर निगम आयुक्त ने हलफनामों के आधार पर मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए हैं। लतीफ संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष हैं। आसिफ ने बताया कि आजादी से पहले पक्की मस्जिद थी। 1954 में वक्फ बोर्ड बना। बोर्ड बनने के बाद देश भर में सभी वक्फ संपत्तियों का सर्वे किया गया। संजौली मस्जिद तब से वक्फ बोर्ड के पास है। 15 अगस्त 1970 को केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को अधिसूचना जारी की गई, जिसमें राज्य सरकार को संपतियों की म्यूटेशन वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज करने के आदेश दिए गए थे। वक्फ बोर्ड आज तक सरकार को संपत्तियों के म्यूटेशन करने की गुहार लगा रहा है।