Samastipur: विभूतिपुर में सांपों का मेला, सिंघिया घाट और नरहन में सांप के साथ भगत ने दिखाए करतब
गले में सांप लटकाए हुए लोग
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सावन महीने की पंचमी को विभूतिपुर के सिंघिया घाट और नरहन समेत अन्य जगहों पर नागपंचमी का उत्सव धूमधाम से गुरुवार को मनाया गया। इस दौरान भगत राम सिंह, रामकुमार ने माता विषहरी का नाम लेते हुए मंदिर के गहवर से सैकड़ों की संख्या में सांप निकाले। वहीं, मुंह में सांप को पकड़कर करतब दिखाए। उसके बाद सैकड़ों की संख्या में माता भगवती का नाम लेते हुए भगत व श्रद्धालुओं ने नदी के घाट पर माता के नाम का जयकारा लगाते रहे।
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भगत ने सलखन्नी डीह घाट पर जितनी बार नदी में डुबकी लगाई, उतनी बार उन्होंने एक साथ दो चार सांप हाथों से निकालकर श्रद्धालुओं के हवाले किया। वहीं, सैकड़ों की संख्या में सारे सांप लेकर भगत अपने श्रद्धालुओं के साथ मंदिर की ओर वापस लौट गए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगत से आशीर्वाद भी लिया। विभूतिपुर में यह मेला वर्षों से चला आ रहा है।
सैकड़ों वर्ष से यहां होता है मेला का आयोजन
लोगों का बताना है कि वर्षों पूर्व से विभूतिपुर प्रखंड क्षेत्र के सिंघिया घाट, नरहन में मां भगवती की पूजा अर्चना बड़े धूमधाम से किया जाता है। यहां लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं। भगत बूढी गंडक नदी से सांप निकलते हैं और करतब दिखाते हैं। हजारों सांपों को हाथों में लिए व गले में लपेटे शिव के समान आराम से चलते हैं।
यहां बच्चे और बूढे हर किसी के हाथों में व गले में सांप और लोग इन सांपों को खिलौना समझ कर खेलते हैं। बूढ़ी गंडक नदी तट सिंघिया घाट और नरहन में सांपों का प्रदर्शन सैकड़ों वर्ष पूर्व से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। सिंघिया घाट पंचवटी चौक से भगत राम सिंह, सिंघिया घाट बांध किनारे से भगत सुरेश पासवान ने बूढ़ी गंडक नदी के पानी से सैकड़ों विषधर और विषहीन सांप निकाला। नरहन में भगत द्वारा काफी संख्या में अधसर, गेहूंअन, करैत, धामन, सखरा, हरहारा समेत कई सांप की प्रजाति निकालकर प्रदर्शन किया गया।
इसे देखने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगती है। यहां के सिंघिया घाट, नरहन, पुरुषोत्तमपुर, डुमरिया, देसरी, महमदपुर सकड़ा, बन्हैती, कल्याणपुर, खदियाही, मुस्तफापुर, बम्बैया समेत अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं ने मंदिरों व गहबरों तक पहुंचे और दूध, लावा, झांप आदि चढ़ाकर विषहरी देवी मां भगवती की पूजा अर्चना की। इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों के दीवारों आदि आगे गोबर की टिकिया, नीम की डाली और कुश लगाया।
दोपहर बाद विषहरी स्थान से सांप लेकर निकले भगत
दोपहर बाद गहबर के भगत और उनके सहयोगियों ने अपने हाथों गले में नाग समेत हजारों की संख्या में अन्य सांप लेकर करतब दिखाया। इस दौरान बूढ़ी गंडक नदी तट से लेकर सड़कों पर पुरुष, महिला, बूढ़े और बच्चे हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी रही। मंदिरों और गहबरों में चढ़ावा को दौड़ शाम तक लगातार जारी रहा। नाग पंचमी को लेकर पुलिस बलों की तैनाती जगह-जगह पर रही।