मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार सलूंबर जिले में जल संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन को लेकर एक महत्त्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत होने जा रही है। जिले में पांच जून, गंगादशमी और विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर ‘जल स्वावलंबन पखवाड़ा’ का शुभारंभ किया जाएगा, जो 20 जून तक चलेगा। इस पखवाड़े का उद्देश्य जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाना और लोगों में जल के प्रति संवेदनशीलता को जागृत करना है।
तैयारी बैठक में तय हुए दिशा-निर्देश
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को जिला कलेक्टर अवधेश मीना की अध्यक्षता में अभियान को लेकर एक विस्तृत बैठक आयोजित की गई। इसमें सभी विभागों को अभियान से जुड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गईं। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय और जनभागीदारी को सशक्त करना जरूरी है। उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर पर नियमित गतिविधियों के आयोजन पर बल दिया, जिससे जल संरक्षण की भावना आमजन के मन में विकसित हो सके।
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जागरूकता के विविध कार्यक्रम होंगे आयोजित
पखवाड़े के दौरान पूरे जिले में प्रभातफेरी, जनजागरूकता रैली, जल संरक्षण विषयक वार्ताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। गांव-गांव में जल संचयन की शपथ दिलवाई जाएगी और जलग्रहण परियोजनाओं की शुरुआत होगी। इसके साथ ही जिले की झीलों, तालाबों और बांधों पर ‘जल पूजन’ के आयोजन भी किए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों की सहभागिता और आस्था दोनों को जोड़कर अभियान को जनसहयोग मिल सके।
जल स्रोतों की सफाई और मरम्मत पर भी होगा विशेष ध्यान
इस पखवाड़े के अंतर्गत जिले के तालाबों, नहरों, बांधों और अन्य जल स्रोतों की मरम्मत व सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। कार्य शुरू होने से पूर्व और कार्य पूर्ण होने के बाद की तस्वीरें लेकर अभियान के प्रभाव को दर्ज किया जाएगा। जिला कलक्टर ने सभी विभागों से अपेक्षा की कि वे अपनी भूमिका सक्रिय रूप से निभाएं और अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़ें। चिकित्सा, शिक्षा, आयुर्वेद, पीएचईडी, जल संसाधन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास और उद्योग विभाग को इस दिशा में विशेष दायित्व सौंपे गए हैं।
योग दिवस पर पर्यटन स्थलों पर होंगे आयोजन
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले के सभी ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि इन कार्यक्रमों का आयोजन विशेष रूप से प्राकृतिक व पर्यटन स्थलों पर किया जाए और उनकी फोटोग्राफी व प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उपखंड अधिकारियों और विकास अधिकारियों से ग्राम स्तर पर योग कार्यक्रम की व्यवस्थित रूपरेखा तैयार करने को कहा है।
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जनप्रतिनिधियों और संस्थाओं की सक्रिय भूमिका होगी जरूरी
अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, राजीविका समूहों और औद्योगिक इकाइयों से सक्रिय भागीदारी की अपील की है। अभियान की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि यह केवल सरकारी स्तर तक सीमित न रहकर आमजन का आंदोलन बने।