कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टोंक विधायक सचिन पायलट गुरुवार को अपने दो दिवसीय विधानसभा दौरे पर टोंक पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ ही उन्होंने बैरवा धर्मशाला में नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया और बंबोर व लवादर गांवों में धार्मिक आयोजनों में शिरकत की।
दौरे के पहले दिन आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पायलट ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो हमला हुआ, वो सिर्फ आतंक नहीं बल्कि देश पर सीधा आक्रमण था। आतंकियों ने निर्दोष सैलानियों को नाम-पता पूछकर निशाना बनाया, यह एक योजनाबद्ध दहशतगर्दी थी। देश की सीमा के भीतर 400 किलोमीटर तक घुसकर इस प्रकार का हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पहले जवाब जरूरी, चूक पर चर्चा बाद में
पायलट ने कहा कि सबसे पहले हमला करने वालों को करारा जवाब देना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह नहीं होनी चाहिए कि चूक किसकी थी, बल्कि यह होना चाहिए कि जो हमला करने आए थे, उन्हें जवाब दिया जाए। 22 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी सहित पूरी पार्टी ने एक स्वर में कहा कि पाकिस्तान को इस हमले का मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए। पूरा देश इस मुद्दे पर एकजुट है।
हमारे मतभेद चुनावी, देश पर एकमत
पायलट ने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सभी दलों को एक सुर में बोलना चाहिए। सत्ताधारी पार्टी से हमारे राजनीतिक मतभेद जरूर हैं, लेकिन जब बात देश की होती है तो हम सब एकजुट हैं। यही संदेश पूरी दुनिया को जाना चाहिए कि भारत की 140 करोड़ जनता एकजुट है। हमारी सेना किसी पार्टी, धर्म, समाज या विचारधारा की नहीं है, वह पूरे देश की अमानत है।
युद्धविराम की घोषणा अमेरिका ने क्यों की?
सचिन पायलट ने पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद हुए युद्धविराम पर अमेरिकी हस्तक्षेप पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि युद्धविराम की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ने की। यह एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के लिए शर्मनाक है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद कहा कि व्यापार के लालच में सीजफायर करवाया गया। यह बात वह 11 बार कह चुके हैं, लेकिन अब तक भारत सरकार की ओर से इसका खंडन नहीं आया।
पायलट ने 1971 के युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हमने पाकिस्तान के 95 हजार सैनिकों को बंदी बनाया था, तब पाकिस्तान ने सिर झुकाकर शांति मांगी थी। आज हमारे सैनिक 9 आतंकी ठिकाने नष्ट करते हैं और युद्धविराम की घोषणा अमेरिका करता है, यह अस्वीकार्य है।
सोनिया गांधी ने दिया था समर्थन
पायलट ने संसद हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि जब देश की संसद पर हमला हुआ था तब नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पूरा समर्थन दिया था। ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सेना के शौर्य, बलिदान और पराक्रम पर राजनीतिक टिप्पणी करना गलत है।
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पाकिस्तान पर तीखा हमला
पायलट ने पाकिस्तान की हालत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वहां की सरकार सेना और आईएसआई के हाथों की कठपुतली बन गई है। एक निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में है और सत्ता अस्थिर है। ऐसे में भारत को स्पष्ट और कठोर संदेश देना चाहिए कि हम किसी भी हालत में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राजस्थान में परिसीमन को लेकर आरोप
प्रदेश की राजनीति पर बोलते हुए पायलट ने पंचायतों और नगर निकायों के परिसीमन को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए मनमाने तरीके से परिसीमन किया जा रहा है। जहां सुविधा दिख रही है वहां लाइनें खींच दी गईं। लेकिन जब भी चुनाव होगा, जनता सच्चाई को पहचान कर हमारी सरकार बनाएगी।