Published On: Tue, Jun 25th, 2024

RO/ARO Paper Leak: सरकारी प्रेस होने के बाद भी निजी प्रिंटिंग प्रेस पर भरोसा क्यों? अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल


RO/ARO Paper Leak case Why trust private printing press despite having a government press

RO/ARO Paper Leak
– फोटो : अमर उजाला

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समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने खुलासा किया है कि पेपर भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। इससे पहले एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर भी प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने के आरोप लगे थे। 

अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि प्रदेश में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होने के बावजूद आयोग को निजी प्रिंटिंग प्रेस पर इतना भरोसा क्यों है? हालांकि, परीक्षाओं में शुचिता और पेपरों की सुरक्षा को लेकर यह मांग पहले से उठती रही है कि भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छपवाए जाएं। 

कई वर्षों पहले प्रयागराज की गवर्नमेंट प्रेस में प्रश्न पत्र छपवाए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया था लेकिन यह प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में चला गया और भर्ती संस्थाएं अपने हिसाब से निजी प्रिंटिंग प्रेसों में पेपर छपवाती रहीं। इससे पहले मार्च 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। परीक्षा में हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के पेपर लीक होने के आरोप लगे थे। 

मामले में जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। जांच में सामने आया था कि पेपर कोलकाता, पश्चिम बंगाल की एक निजी प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुए थे। इस मामले में एसटी ने प्रिंटिंग प्रेस संचालक को गिरफ्तार किया था। बाद में आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को भी गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई थी। 

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