सफलता न तो साधन देखती है और न ही सुविधा, बस मेहनत और लगन ही उसे हासिल करने का रास्ता दिखाते हैं। इस बात को चुरू जिले की तारानगर तहसील के छोटे से गांव गाजुवास की बेटी हंसिका सहारण ने सच साबित कर दिखाया है। अत्यंत सीमित संसाधनों वाले इस गांव की छात्रा हंसिका ने 10वीं कक्षा में 99.67 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पूरे जिले में टॉप किया है।
जहां गांव में परिवहन की सुविधा केवल सुबह-शाम एक बस तक सीमित है, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, वहीं उसी गांव में पली-बढ़ी हंसिका ने अपनी लगन, मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।
गाँव में खुशी की लहर, निकाला गया विजयी जुलूस
हंसिका की इस उपलब्धि की खबर मिलते ही पूरे गांव में उत्सव का माहौल बन गया। स्कूल के शिक्षक और ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव के लोगों ने हंसिका को खुली जीप में बैठाकर डीजे के साथ विजयी जुलूस के रूप में गाजुवास और पुनरास गांवों में घुमाया। रास्ते भर जगह-जगह लोगों ने फूल-मालाओं और गुलाल से हंसिका का स्वागत किया।
माता-पिता और शिक्षकों को दिया श्रेय
अपनी सफलता का श्रेय देते हुए हंसिका ने कहा कि मुझे यह मुकाम माता-पिता के आशीर्वाद और गुरुजनों के मार्गदर्शन से मिला है। मैंने नियमित रूप से एकाग्र होकर रोज़ाना चार घंटे पढ़ाई की, जिससे यह परिणाम संभव हुआ। गांव के लोगों का कहना है कि हंसिका बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की रही है। वह हर कार्य में पूरी रुचि और लगन से भाग लेती थी। उसकी मेहनत और अनुशासन आज रंग लाया है।
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स्कूल प्रिंसिपल का संदेश
हंसिका के स्कूल के प्रिंसिपल ओमप्रकाश ने कहा कि हंसिका शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रखती थी और हमेशा पढ़ाई पर फोकस करती थी। उसका यह परिणाम अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है। मैं सभी बच्चों से कहना चाहूंगा कि वे मोबाइल से दूरी बनाकर नियमित पढ़ाई करें। यही आदत निश्चित रूप से सफलता दिलाती है।
पूरे जिले को हंसिका पर गर्व
गाजुवास जैसे छोटे और पिछड़े गांव से निकलकर जिले का नाम रोशन करने वाली हंसिका सहारण न सिर्फ अपने परिवार की शान बनी हैं, बल्कि उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि समर्पण और परिश्रम के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।