माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर 10वीं कक्षा का रिजल्ट आज बुधवार 28 मई को जारी कर दिया गया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा से परीक्षाफल घोषित किया है। इस बार फिर से बेटियों का दबदबा रहा। जिनमें सबसे ज्यादा नंबर जैसलमेर के फलसूंड की रहने वाली भावना के आए हैं। भावना ने 600 में से 598 नंबर हासिल किए हैं।
भावना के पिता हैं कारपेंटर
जैसलमेर के फलसूंड की भावना ने 10वीं में 99.67% अंक हासिल किए हैं। भावना के 600 में से 598 नंबर आए हैं। भावना कजोई गांव की निवासी है। घर से स्कूल 7 किमी दूर है। पिता पेम्पाराम अहमदनगर (महाराष्ट्र) में कारपेंटर का काम करते हैं। भावना का भाई लक्ष्मण सुथार जयपुर में RAS की तैयारी कर रहा है। भावना एक दिन में 17 घंटे रेगुलर पढ़ाई करती थी। भावना आईएएस बनना चाहती है। भावना अपनी सफलता का श्रेय मां, बड़े भाई और बड़े पापा को देती है। मम्मी भावना की पढ़ाई के समय रात भर उसके साथ जागकर चाय आदि पिलाती थी। वहीं सीकर की वंदना तंवर ने 99.50 प्रतिशत हासिल किए हैं। वंदना केवीएम सीएलसी में पढ़ाई करती हैं
नागौर की पूजा ने किया कमाल
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में नागौर की छात्रा पूजा भादू ने शानदार प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन किया है। पूजा ने 99.50 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, जो जिले में टॉप रैंक में शामिल है। पूजा ने गणित, विज्ञान और संस्कृत विषय में पूरे 100 अंक प्राप्त किए हैं। उनकी इस उपलब्धि पर स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और परिजनों ने खुशी जताई।
पढ़ें: राजस्थान बोर्ड के 10वीं का परिणाम हुआ जारी, 93.6% रहा रिजल्ट; छात्राओं ने फिर मारी बाजी
पिछली वर्ष का यह था परिणाम
साल 2024 में दसवीं की परीक्षा में कुल 10,60,751 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 10,39,895 ने परीक्षा में भाग लिया। उस वर्ष छात्रों का परिणाम 92.64% और छात्राओं का 93.46% रहा था। पिछले वर्ष प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या 2,74,052 रही थी, जबकि छात्राओं की संख्या 2,71,171 थी। कुल परिणाम 93.3% रहा था।
प्रवेशिका और व्यावसायिक परीक्षाओं में सफलता दर 82.54% दर्ज की गई थी।
प्रवेशिका परीक्षा का परिणाम
प्रवेशिका परीक्षा 2025 में कुल 7,316 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 7,099 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इस वर्ष का कुल परिणाम 83.67 प्रतिशत रहा, यानी लगभग इतने प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए। अगर लड़कों की बात करें तो उनका उत्तीर्णता प्रतिशत 82.01 रहा, जबकि लड़कियों का प्रदर्शन इससे बेहतर रहा और उनका उत्तीर्णता प्रतिशत 85.03 प्रतिशत रहा। परीक्षा में कुल 3,310 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से 643 छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। वहीं, 4,006 छात्राओं में से 974 छात्राओं को प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई। इस तरह देखा जाए तो न केवल पास होने के मामले में बल्कि प्रथम श्रेणी प्राप्त करने में भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों की तुलना में बेहतर रहा।