राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने बुधवार, 28 मई को 10वीं कक्षा का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। इस वर्ष प्रदेशभर से लगभग 11 लाख छात्र-छात्राओं ने परीक्षा में भाग लिया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा कलेक्टर कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अजमेर स्थित बोर्ड मुख्यालय से जुड़कर परिणामों की औपचारिक घोषणा की। इससे पहले 22 मई को बोर्ड ने 12वीं (आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स) कक्षाओं के परिणाम घोषित किए थे।
बोर्ड सचिव ने दी विस्तृत जानकारी
बोर्ड सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार 10वीं परीक्षा के लिए कुल 10,96,085 छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जबकि प्रवेशिका परीक्षा में 7,324 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। पिछले वर्ष 2024 में 10वीं का परिणाम 93.03% रहा था। इस वर्ष भी छात्र-छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य का गौरव बढ़ाया है।
बालोतरा के पंकज पालीवाल की ऐतिहासिक उपलब्धि
इस बार का परीक्षा परिणाम बालोतरा जिले के लिए गर्व का क्षण लेकर आया। भगवती बाल निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय, बालोतरा के छात्र पंकज पालीवाल ने 98.33% अंक प्राप्त कर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। पंकज की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, विद्यालय, बल्कि पूरे जिले को गौरवान्वित किया है।
अनुशासन, समर्पण और प्रेरणा की मिसाल है पंकज
विशेष बातचीत में पंकज ने बताया कि मैंने पढ़ाई को हमेशा प्राथमिकता दी, लेकिन साथ ही खेल और मनोरंजन के लिए भी समय निकाला, जिससे मानसिक ताजगी बनी रही। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता की प्रेरणा, शिक्षकों के मार्गदर्शन और ईश्वर के आशीर्वाद को दिया। पंकज ने नियमित समय सारणी के अनुसार पढ़ाई की, जिसमें सभी विषयों को समान महत्व दिया। कठिन विषयों पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने समय-समय पर मॉक टेस्ट और रिवीजन के माध्यम से अपनी तैयारी को मजबूत किया। जहां कई छात्र पारंपरिक करियर विकल्पों की ओर अग्रसर होते हैं, वहीं पंकज का सपना सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का है।
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विद्यालय में मनाया गया जश्न
परीक्षा परिणाम आते ही भगवती बाल निकेतन स्कूल में उत्सव जैसा माहौल बन गया। स्कूल प्रांगण में छात्र और शिक्षक एकत्र हुए, लड्डू बांटे गए और पंकज को फूल मालाओं से सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने पंकज को एक आदर्श छात्र बताते हुए कहा कि पंकज न केवल पढ़ाई में अव्वल हैं, बल्कि उनका आचरण, व्यवहार और अनुशासन भी प्रेरणादायक रहा है। हमें उन पर गर्व है।
परिवार के लिए गौरव का क्षण
पंकज के पिता रमेश पालीवाल, जो कि एक व्यवसायी हैं, बेटे की उपलब्धि पर भावुक होते हुए बोले कि पंकज ने आज हमारे सपनों को साकार कर दिया। उसने कभी पढ़ाई को बोझ नहीं समझा और हमेशा आत्मअनुशासन से मेहनत करता रहा। पंकज की माता ने भी गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि बेटे ने कभी भी मोबाइल या सोशल मीडिया में समय नहीं गंवाया और किताबों को ही अपना सबसे अच्छा मित्र बनाया।