Published On: Fri, Jun 14th, 2024

Rajasthan: Rss National Executive Member Indresh Kumar Launched A Verbal Attack On Bjp – Amar Ujala Hindi News Live – Rajasthan:भागवत के बाद इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान, बोले


Rajasthan: RSS national executive member Indresh Kumar launched a verbal attack on BJP

RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


भाजपा की टॉप लीडरशिप और आरएसएस के बीच के मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। सरसंघ चालक मोहन भागवत के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा ‘जो अहंकारी हो गए हैं, उन्हें 241 पर रोक दिया, जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी। उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया। यही प्रभु का न्याय है।’

इंद्रेश कुमार गुरुवार को जयपुर के पास कानोता में रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए। जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अहंकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित कर दिया। उनको जो पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी।

उन्होंने कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी। उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर (INDIA ब्लॉक) भी नंबर-1 नहीं बने, नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है, बड़ा आनंददायक है।

जिस पार्टी ने भक्ति की, अहंकार आया, उस पार्टी को 241 पर रोक दिया, पर सबसे बड़ी बना दिया। जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी। उन सबको मिलकर 234 पर रोक दिया। उन्होंने कहा कि तुम्हारी अनास्था की यही दंड है, तुम सफल नहीं हो सकते।

अयोध्या में भाजपा प्रत्याशी को बताया अत्याचारी

अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार पर भी इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो राम की भक्ति करे, फिर अहंकार करे, जो राम का विरोध करे, उसका अकल्याण अपने आप हो गया। लल्लू सिंह ने जनता पर जुल्म किए थे, तो रामजी ने कहा कि पांच साल आराम करो, अगली बार देख लेंगे।

पहले मोहन भागवत ने कही थी ये बात

गौरतलब है कि इससे पहले सरसंघ चालक मोहन भागवत ने भी 10 जून को नागपुर में संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को निशाने पर लिया था। भागवत ने कहा था कि जो मर्यादा का पालन करते हुए कार्य करता है, गर्व करता है, किन्तु लिप्त नहीं होता, अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी है। उन्होंने कहा कि जब चुनाव होता है तो मुकाबला जरूरी होता है। इस दौरान दूसरों को पीछे धकेलना भी होता है, लेकिन इसकी एक सीमा होती है। यह मुकाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>