राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरएएस मुख्य परीक्षा 2024 की तिथि स्थगित करने और वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना आज तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है और अब आंदोलन ने भूख हड़ताल का रूप ले लिया है।
धरना दे रहे अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवार, पूर्व सैनिक और अन्य वर्गों के परीक्षार्थी शामिल हैं। वे गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को प्रशासन और सरकार के समक्ष रख रहे हैं। गुरुवार को अभ्यर्थियों ने राष्ट्रगान के साथ यूनिवर्सिटी में प्रवेश किया, जहां भारी पुलिस बल की तैनाती रही।
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अभ्यर्थियों का कहना है कि वे आरएएस 2023 की अंतिम चयन सूची जारी होने के पश्चात ही मुख्य परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं ताकि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि आरपीएससी वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी करे, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को स्पष्ट दिशा मिल सके।
छात्रों का दावा है कि उनकी इस जायज मांग को लेकर अब तक 9 मंत्रियों, 50 से अधिक विधायकों और डिप्टी सीएम सहित कई जनप्रतिनिधियों द्वारा सरकार से मुख्य परीक्षा स्थगित करने की अनुशंसा की जा चुकी है। बावजूद इसके अब तक सरकार या आयोग की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिससे परीक्षार्थियों में असमंजस और चिंता व्याप्त है।
धरने पर बैठे अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो भूख हड़ताल के साथ ही आंदोलन और भी व्यापक रूप लेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हस्तक्षेप की अपील करते हुए इस मुद्दे पर संवेदनशीलता और गंभीरता से निर्णय लेने की मांग की है।