Rajasthan Nutrition Scheme: राजस्थान में गर्भवती महिलाओं के लिए सुपोषण न्यूट्री किट योजना शुरू.

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Rajasthan Nutrition Scheme: राजस्थान में जुलाई से सुपोषण न्यूट्री किट योजना शुरू होगी, जिसमें गरीब गर्भवती महिलाओं को पोषण किट दी जाएगी. यूनिसेफ की गाइडलाइंस पर आधारित इस योजना में एफआरएस तकनीक से पारदर्शी वित…और पढ़ें

Rajasthan Nutrition Scheme
हाइलाइट्स
- राजस्थान में जुलाई से सुपोषण न्यूट्री किट योजना शुरू होगी.
- गरीब गर्भवती महिलाओं को पोषण किट दी जाएगी.
- किट में देसी घी, खजूर, ड्राई फ्रूट्स शामिल होंगे.
Rajasthan Nutrition Scheme: गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए सुपोषण न्यूट्री किट योजना शुरू की जा रही है. इसमें गरीब और मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं को जरूरी पोषण किट दी जाएगी, जिससे मां और बच्चा दोनों कुपोषण से बच सकें. यह योजना पूरे राजस्थान में जुलाई से शुरू होगी. इस योजना से राज्य की हजारों गरीब गर्भवती महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा. महिला एवं बाल विकास विभाग इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने की तैयारियां कर रहा है. यह योजना यूनिसेफ की पोषण गाइडलाइंस के आधार पर तैयार की गई है और इसे आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लागू किया जाएगा. योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के अंतिम पांच महीनों के दौरान विशेष न्यूट्री किट दी जाएगी. प्रत्येक लाभार्थी महिला पर 1064 रुपये खर्च होंगे. इसका सबसे अधिक लाभ ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों की गरीब गर्भवती महिलाओं को मिलेगा, जो अक्सर पोषण की कमी से जूझती हैं.
किट में शामिल होंगी छह पौष्टिक चीजें
जानकारी के अनुसार, न्यूट्री किट में कुल छह प्रकार की पौष्टिक खाद्य सामग्री होगी, जिनमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्व शामिल होंगे. यह किट लगभग 3 किलो वजन की होगी, जिसमें 1 किलो देसी घी, 500 ग्राम खजूर, मखाने या अन्य ड्राई फ्रूट्स, गुड़, रोस्टेड चना और मूंगफली शामिल रहेंगी. इन खाद्य पदार्थों को स्थानीय जलवायु और महिलाओं की पोषण आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर चुना गया है. किट की हर सामग्री गर्भवती महिला के संपूर्ण पोषण को संतुलित रूप से पूरा करने में मददगार होगी.
एफआरएस तकनीक से होगा पारदर्शी वितरण
सरकार ने पोषण किट वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) तकनीक को लागू किया है. इस तकनीक से किट केवल पंजीकृत लाभार्थी महिला को ही दी जाएगी और परिवार के अन्य सदस्य को नहीं. यह कदम पोषाहार वितरण में संभावित गड़बड़ियों और अनियमितताओं को रोकने के लिए उठाया गया है. इस व्यवस्था से जरूरतमंद महिलाओं को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा और कोई भी पात्र महिला इससे वंचित नहीं रहेगी.