सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रसूता महिला को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाए जाने के गंभीर मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक कर प्रकरण की गहन समीक्षा की। मंत्री ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के गठन के निर्देश दिए हैं। यह समिति तीन दिवस में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
मंत्री खींवसर ने बताया कि टोंक जिले के निवाई से आई गर्भवती महिला 9 मई से एसएमएस अस्पताल में भर्ती थी। हीमोग्लोबिन और ऑक्सीजन लेवल कम होने सहित अन्य जटिलताओं के चलते उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और डिलीवरी करवाई गई। इसी दौरान उसे गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने की बात सामने आई। अस्पताल प्रशासन की प्रारंभिक जांच में भी इस तथ्य की पुष्टि हुई है।
ये भी पढ़ें: Bharatpur: बिहारीजी मंदिर में बर्थडे पार्टी और अश्लील डांस का वीडियो सामने आया, देवस्थान विभाग ने कराई FIR
हालांकि मंत्री ने अस्पताल प्रशासन की जांच से असंतुष्टि जताते हुए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने का निर्णय लिया। इस समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री मुकेश मीणा करेंगे। अन्य सदस्यों में एसएमएस अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. नरपत सिंह शेखावत, पूर्व मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर मेहता, वर्तमान अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी एवं राजमेस की उपनिदेशक डॉ. वंदना शर्मा शामिल हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी अधीक्षकों को निर्देश दिए गए कि उपचार के दौरान एसओपी की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए। साथ ही आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर एवं क्रिटिकल केयर वार्ड में प्रशिक्षित और अनुभवी स्टाफ की नियुक्ति एवं समय-समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों।