Rajasthan News: Jagadguru Rambhadracharya Will Not Go To Govind Dev Ji’s Temple. – Amar Ujala Hindi News Live


जगदगुरु रामभद्राचार्य।
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तुलसी पीठ के संस्थापक जगदगुरु रामभद्राचार्य राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित श्री राम कथा के पांचवें दिन सोमवार को कहा कि अब मैं वचन देता हूं कि प्रत्येक वर्ष ‘छोटी काशी’ आऊंगा। जयपुर को इसके मंदिरों के लिए ‘छोटी काशी’ के नाम से भी जाना जाता है। रामभद्राचार्य कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर भी बयान दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने आज यह भी बताया कि वे जयपुर में रहते हुए भी यहां के सबसे बड़े आराध्य गोविंद देव जी के मंदिर क्यों नहीं जा रहे।
दरअसल उन्होंने प्रण लिया है कि राम मंदिर की तरह जब तक मथुरा का कृष्ण मंदिर भी भव्यता से नहीं बन जाता तब तक वे किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन करने नहीं जाएंगे।
रामभद्राचार्य ने कहा कि मेरे से कुछ भूल हो जाती है वो बाद में हानिकारक हो जाती है। मैं कठोर कहने में बदनाम हूं, लेकिन फिर भी मैं तो कहूंगा। किसी भी संत को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। जब रामलला को ला सकते हैं, तो मथुरा और काशी के ज्ञानवापी को भी लाकर दिखाएंगे। राष्ट्र की चिंता एक संत ही कर सकता है, परिवार वाला भक्त नहीं। रेवासा पीठ की दुर्दशा नहीं होने देंगे। रेवासा में जो हुआ वो परंपरा के विरूद्ध है। यह देश गांधी परिवार का नहीं है। यह राष्ट्र हमारा है। सनातनियों का है, विधर्मियों का नहीं है।
इस बार कुंभ में हम कुछ ऐसा करेंगे कि विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जाएगा। जिनके चरणों में बैठकर राष्ट्रीय समस्या का अंत हो जाता है वो संत हैं। चित्रकूट धाम में मैं 6 दिसंबर को संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करूंगा। सभी को आकर देखना चाहिए की देश की संस्कृति कैसे स्थापित की जाती है। अब सांस्कृतिक आंदोलन होकर रहेगा। भारत में गो हत्या बंद करवा कर रहेंगे।