Published On: Fri, Jun 6th, 2025

Rajasthan News: Government Officer Turns Paper Leak Dealer, Sog Detains Three Accused In Crackdown – Amar Ujala Hindi News Live


राजस्थान के बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसओजी ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब मामले की जांच लगातार गहरी होती जा रही है और कई प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है।

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एसओजी एडीजी वीके सिंह ने प्रेस को बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कुंदन कुमार पण्ड्या (54), संदीप कुमार लाटा (42) और इनामी वांछित आरोपी पुरुषोत्तम दाधीच (35) शामिल हैं। इन तीनों की गिरफ्तारी अलग-अलग जिलों से हुई है। इनमें पुरुषोत्तम दाधीच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उदयपुर में सहायक लेखाधिकारी प्रथम के पद पर था और इस वक्त निलंबित चल रहा था। वह पेपर लीक कांड में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक माना जा रहा है। उसे किशनगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। उस पर इनाम भी घोषित था और वह काफी समय से फरार चल रहा था। जबकि संदीप कुमार लाटा वर्तमान में कोष एवं लेखा विभाग, वित्त भवन जयपुर में सहायक लेखाधिकारी प्रथम के पद पर कार्यरत था। उसे एसओजी ने जयपुर से गिरफ्तार किया है। तीसरा आरोपी कुंदन कुमार पण्ड्या डूंगरपुर जिले के सांगवाडा वरदा का निवासी है और थर्ड ग्रेड कर्मचारी के रूप में तैनात था। उसे उदयपुर से दबिश देकर पकड़ा गया है।

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जांच में अब यह साफ हो गया है कि पेपर लीक कांड में केवल दलाल या बाहरी लोग ही नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम के अंदर मौजूद कर्मचारी और अधिकारी भी पूरी तरह से शामिल थे। इससे पहले गिरफ्तार की गई सब इंस्पेक्टर रेनू, सुरेंद्र बगड़िया और सुरजीत की भूमिका पेपर लीक करने और परीक्षार्थियों को परीक्षा से पहले पेपर पढ़ाने में सामने आई थी। इन्हीं के जरिए अब हालिया गिरफ्तारियों की कड़ियां जुड़ी हैं।

पुरुषोत्तम दाधीच और संदीप लाटा की भूमिका परीक्षा से पहले पेपर को लीक कर चयनित परीक्षार्थियों तक पहुंचाने में रही है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि इन अधिकारियों ने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए न केवल पेपर उपलब्ध कराया, बल्कि इसमें आर्थिक लेनदेन और सांठगांठ का भी अहम रोल निभाया।

एसओजी को अब तक की जांच में यह स्पष्ट संकेत मिले हैं कि यह कोई इक्का-दुक्का लोगों का गिरोह नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क था, जो सरकारी भर्तियों में धांधली कर रहा था। इस नेटवर्क में पेपर छापने से लेकर उसकी सप्लाई, परीक्षा से पहले छात्रों को पढ़ाने और उसके एवज में मोटी रकम वसूलने तक पूरा तंत्र मौजूद था।

सूत्रों की मानें तो अब एसओजी इस केस में आगे और गिरफ्तारियां कर सकती है। मामले में कई अन्य अधिकारी और दलाल भी एजेंसी की रडार पर हैं। एसआई जैसी प्रतिष्ठित भर्ती परीक्षा में घोटाला सामने आने से आम जनता और युवाओं का सरकारी सिस्टम पर भरोसा गहरा आघात पहुंचा है। लाखों परीक्षार्थियों की मेहनत पर पानी डालने वाला यह घोटाला राजस्थान के शिक्षा और भर्ती तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर करता है। एसओजी के अधिकारी अब इस बात की जांच में जुटे हैं कि इस नेटवर्क के जरिए अब तक कितने परीक्षार्थियों को पास करवाया गया और किन-किन भर्तियों में यह गैंग सक्रिय रहा है।

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