राजस्थान में नदियों की लिंक परियोजना में एक और बड़ा काम होने जा रहा है। पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट के तहत अब चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट निर्माण होगा। इसके लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) से स्वीकृति के बाद मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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बीसलपुर और ईसरदा तक आएगा पानी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस एक्वाडक्ट के माध्यम से रामगढ़ (कूल नदी), महलपुर (पार्वती नदी) व नवनेरा (कालीसिंध नदी) बैराज का पानी चम्बल नदी को पार करके मेज बैराज में डाला जाएगा तथा बीसलपुर और ईसरदा बांध तक लिफ्ट के माध्यम से ले जाया जा सकेगा। 2280 मीटर लंबाई के इस एक्वाडक्ट का एक छोर कोटा के पीपल्दा समेल गांव औ़र दूसरा छोर बूंदी के गुहाटा गांव से जुडे़गा। इससे कोटा की सुल्तानपुर तहसील के लोगों को बूंदी से गुजर रहे कोटा-सवाई माधोपुर हाईवे से पक्की सड़क द्वारा एक अतिरिक्त मार्ग उपलब्ध होगा। साथ ही परियोजना में नवनेरा बैराज से मेज एनिकट तक फीडर निर्माण की कार्रवाई को गति मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 17 जिलों को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत 9400 करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी कर योजना की क्रियान्विति शुरू कर दी गई है। इस चरण में पैकेज-2 के अंतर्गत चंबल नदी पर एक्वाडक्ट का निर्माण किया जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में ईआरसीपी परियोजना (रामजल सेतु लिंक परियोजना) के कार्यों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से वन भूमि प्रत्यावर्तन के तहत बारां एवं अलवर जिलों में 1102.72 हैक्टेयर भूमि वन विभाग को आंवटित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।