Rajasthan News: विदेश में लापता पिता के लिए बेटी ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार

झुंझुनूं: हर व्यक्ति अपनी जिंदगी चलाने के लिए कोई ना कोई काम करता है. भारत के कई लोग विदेश जाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. झुंझुनूं के मणकसास गांव के राकेश कुमार जांगिड़ भी 23 महीने पहले विदेशी मुद्रा कमाने गए थे, लेकिन कुछ समय बाद उनका परिवार से संपर्क टूट गया. उनका परिवार अब उनकी आवाज सुनने को तरस गया है. उनकी मासूम बेटी ने प्रधानमंत्री से रोते हुए अपील की कि उनके पापा को किसी भी हालत में एक बार परिवार से बात करवा दें. इस भावुक अपील ने सभी की आंखें नम कर दी हैं.
परिवार ने केंद्र सरकार से लगाई गुहार
इतने समय बाद अब तो परिवार की उम्मीद भी टूटने लगी है. राकेश की बेटी ने रोते हुए कहा कि उनकी मम्मी बहुत परेशान हैं और अब पढ़ाई का खर्च भी मुश्किल से उठा रही हैं. जब भी फोन की घंटी बजती है, तो उन्हें लगता है कि शायद यह राकेश का कॉल हो. परिवार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि मामले में हस्तक्षेप करके उनके पापा को वापस लाया जाए.
राकेश जांगिड़ 21 जून 2023 को रोजगार की तलाश में दुबई गए थे, लेकिन 23 महीने बीत जाने के बाद भी उनका कोई पता नहीं चल पाया. अंतिम बार 6 जुलाई 2023 को उनकी परिजनों से बात हुई थी, उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ है.
हमें परेशान मत करो
राकेश की पत्नी मनोज देवी ने बताया कि राकेश को सीकर के कटराथल निवासी एजेंट बनवारी लाल और हरिराम जांगिड़ ने 1.20 लाख रुपए लेकर दुबई भेजा था. एयरपोर्ट पर टूरिस्ट वीजा की जानकारी होने के बावजूद एजेंटों ने भरोसा दिलाया कि वे सब संभाल लेंगे. लेकिन 6 जुलाई के बाद से राकेश का कोई पता नहीं चला. मनोज देवी के अनुसार, उस दिन राकेश ने दूसरे नंबर से रोते हुए बात की, लेकिन कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया. फोन कटने के बाद से उनका मोबाइल बंद है. 8 मार्च 2024 को एजेंट बनवारी लाल ने वॉइस मैसेज भेजा कि राकेश जेल में है, जाकर छुड़ा लो और हमें परेशान मत करो.
राकेश की पत्नी सिलाई करके तीन बच्चों का पेट पाल रही है. परिवार के अनुसार, हर फोन कॉल पर उन्हें राकेश के कॉल की उम्मीद रहती है. मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है.
जांच धीमी गति से चल रही
15 मार्च 2024 को राकेश के बड़े भाई मक्खन लाल दुबई गए और वहां जेल, अस्पताल, मोर्चरी, दूतावास हर जगह खोजबीन की, लेकिन कोई सूचना नहीं मिली. उन्होंने दुबई के देहरा क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज करवाई और भारत लौट आए. परिवार ने सरपंच से लेकर राष्ट्रपति तक गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. उदयपुरवाटी थाने में भी मामला दर्ज है, लेकिन जांच धीमी गति से चल रही है.
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