प्रदेश में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की आहट सुनाई दे रही है। आरक्षण सहित लंबित मांगों को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आज पीलूपुरा में महापंचायत के आयोजन के साथ ही सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने सही फैसला नहीं लिया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से गुर्जर समाज से जुड़ी संस्थाएं लोगों को बसों में भरकर पीलूपुरा ला रही हैं। गांव में दूर तक बिजली के खंभों पर लाउड स्पीकर लगाए गए हैं।
शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बैंसला ने कहा कि मैं 17 महीने से लगातार सरकार से संवाद कर रहा हूं। चाहे वह गृह विभाग के एसीएस हों या मंत्री, मैंने खुद मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। सरकार कहती है उन्हें जानकारी नहीं दी गई, तो मैं कहता हूं अब एक छोटी-सी चिट्ठी और देंगे। अगर 12 बजे तक उसका मसौदा नहीं आया तो हम दोपहर 1 बजे मंत्रालय बांट देंगे किसी को रेल मंत्रालय, किसी को सड़क तो किसी को भोजन मंत्रालय।
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इधर जिले के पीलूपुरा में शहीद स्मारक पर पहुंचने के लिए सुबह से ही गुर्जर समाज के लोग गाड़ियों से रवाना हो रहे हैं। हिंडौन-बयाना स्टेट हाईवे के किनारे होने वाली इस महापंचायत में आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला के नेतृत्व में समाज की विभिन्न मांगों को लेकर बैठक की जानी है। उधर स्टेट हाईवे पर जगह-जगह रूट डायवर्ट किया गया है, ताकि जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े।
महापंचायत को लेकर बैंसला ने इस बार की रणनीति बिल्कुल स्पष्ट कर दी है अब सरकार से बंद कमरों में कोई चर्चा नहीं होगी। अबकी बार सरकार से वार्ता समाज के सामने होगी और जो भी फैसला होगा, वो खुले मंच से होगा। उन्होंने कहा कि मैंने अपना रूट चार्ट सरकार को दे दिया है। अगर बात करनी है तो उसी रूट पर समाज के बीच आकर बात करनी होगी।
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गुर्जर समाज महापंचायत को लेकर पूरी एकजुट है। विजय बैंसला ने खुद सोशल मीडिया के माध्यम से अपील जारी कर कहा कि यह महापंचायत केवल सभा नहीं, गुर्जर समाज की ताकत का प्रतीक बनेगी। इतनी तादाद में आइए कि देश-दुनिया को पता चले कि गुर्जर अब भी जिंदा हैं, गुर्जर एक जिंदा कौम है।
भरतपुर के पीलूपुरा में होने वाली इस महापंचायत की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और यह इसे आंदोलन की दिशा तय करने वाली निर्णायक बैठक माना जा रहा है।
आज दोपहर 12 बजे से शुरू होने वाली गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की महापंचायत एक अहम मोड़ साबित हो सकती है। यदि सरकार ने वक्त रहते ठोस पहल नहीं की, तो आंदोलन की गूंज एक बार फिर राजस्थान की सड़कों और रेलवे ट्रैकों पर सुनाई दे सकती है। बैंसला ने इस महापंचायत को लेकर साफ संदेश दिया है कि हम सम्मान देने वाले लोग हैं लेकिन अगर आप राजनीति करेंगे, तो समाज आपको राजनीति करना भुला देगा।
इधर बरौदा गांव के पूर्व सरपंच श्रीराम गुर्जर ने महापंचायत को लेकर कहा कि कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला के निधन के बाद से हमारे काम पेंडिंग पड़े हैं। सरकार की तरफ से यदि हमारी मांग मान ली गईं तो समाज हाथ जोड़कर धन्यवाद कर देगा लेकिन यदि सरकार नहीं सुनेगी तो गुर्जर अपना काम करेगा। बताया जा रहा है कि महापंचायत में दिल्ली, यूपी, एमपी, जम्मू से भी लोग पहुंच रहे हैं।