Rajasthan Kota Kaithoon Kota Doria Saree Manzoor Ali Kota Doria Institution City Qazi Mufti Meeting Fake Kota Doria Saree | बिजनेसमैन की कोटा- डोरिया साड़ी को लेकर विवाद: कैथून की संस्थाओं का आरोप- वे नकली साड़ी बना रहे – Kota News

कोटा के कैथून कस्बे में एक हस्तशिल्प साड़ी के व्यापारी का कोटा डोरिया से जुड़ी सामाजिक संस्थाओं ने बहिष्कार कर दिया है। संस्थाओं का आरोप है कि व्यापारी नकली साड़ियां बनाकर उनके काम को प्रभावित कर रहा है। जबकि व्यापारी ने इन आरोपों को गलत बताया है। मामले
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हालांकि कैथून शहर काजी अलाउद्दीन अशरफी का कहना है कि संस्थाओं के आग्रह पर एक समझाइश की बैठक बुलाई गई थी। बैठक से वे कुछ देर में ही निकल गए थे, अंतिम निर्णय की उन्हें जानकारी नहीं है।
साड़ी व्यापारी ने कहा- मेरे ऊपर लगाए आरोप गलत साड़ी व्यापारी मंजूर अली का कहना है- मैं कई 6 महीने से साड़ियां बना रहा हूं। मेरे गोदाम पर यूपी के 15 कारीगर मौजूद है और 10 कारीगर कोटा के से भी है। कैथून कोटा डोरिया साड़ी संस्था और कैथून शहर काजी, मुफ्ती, की अध्यक्षता में शुक्रवार के दिन मीटिंग रखी मुझ पर गलत आरोप लगाए कि मैं कोटा डोरिया साड़ी बनाता हूं जबकि मेरा कोटा साड़ी से कोई सरोकार ही नहीं है। मैं ये साड़ी नहीं बनाता हूं। अगर किसी को शिकायत देनी है तो संबंधित विभाग में दे सकते हैं। कुछ लोग अपने राजनीतिक व सामाजिक फायदे के लिए यह गलत कार्य कर रहे हैं।
शहर काजी बोले- कैथून की संस्थाओं को उनके काम पर आपत्ति मामले में कैथून शहर काजी अलाउद्दीन अशरफी का कहना है- कैथून कस्बे की कोटा डोरिया संस्था के लोगों को मंजूर अली के काम पर आपत्ति है। कैथुन में बनने वाली साड़ी हाथ के द्वारा बनाई जाती है। जबकि मंजूर अली की साड़ी खटके (मशीन) से बनती है। हाथ की बनाई साड़ी में मेहनत ज्यादा होती है। हाथ के कारीगर की साड़ी 50 हजार में बिकती है, जिसमें सोने का तार लगा होता है।
उन्होंने बताया कि मीटिंग कोटा डोरिया संस्था और दूसरे संगठन के लोगों द्वारा बुलाई थी। जिसमें हमें मौलाना मुफ्ती को भी धर्म के आधार पर बुलाया था। हम वहां पर समझाइश करके आ गए थे। हालांकि बाद में संस्था की ओर से अंतिम निर्णय क्या लिया गया, इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। दोनों को आपसी सहमति से आगे आकर काम करना चाहिए, जिससे दोनों पक्षों की आजीविका प्रभावित नहीं हो।
संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि यह सरासर झूठ
कोटा डोरिया हाडोती विकास संस्था के अध्यक्ष अब्दुल वाहिद ने बताया कि यह सरासर झूठ है। मंजूर अली के पास जो पेपर है उसमें जितनी भी संस्था है उनके अध्यक्ष के हस्ताक्षर तक मौजूद नहीं है। ऐसे पेपर तो कोई भी छपा सकता है। वैसे हमारा काम है कि जो भी कोटा डोरिया साड़ी की नकल कर रहा है उस पर कानूनी कार्रवाई करना। हमारा काम यह नहीं की किसी का बहिष्कार करना। मंजूर अली ने खटके लगाए हुए हैं अगर वह कोटा डोरिया साड़ी नहीं बना रहे तो विषय खत्म और अगर बना रहे हैं तो उसकी जांच हो जाएगी।