Rajasthan Government Is Surprised By Act Of Teacher Couple In Baran Now Rs 9 Crore 31 Lakh Will Be Recovered – Amar Ujala Hindi News Live


शिक्षक दंपती
– फोटो : अमर उजाला
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राजस्थान से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश के शिक्षकों की नींद उड़ा दी है।दरअसल, राजस्थान की बीजेपी सरकार प्रदेश के दो सरकारी शिक्षकों से नौ करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपये वसूलेगी। राशि की रिकवरी के लिए शिक्षा विभाग ने थाने में मामला दर्ज करवा दिया है। खास बात यह है कि जिन दो शिक्षकों से इस राशि की रिकवरी होनी है, वो दोनों पति-पत्नी हैं।
बता दें कि शिक्षक दंपती की यह कहानी बारां जिले की है, जिन शिक्षकों से इस राशि की रिकवरी होनी है, उनका नाम विष्णु गर्ग और मंजू गर्ग है। मिली जानकारी के अनुसार, विष्ण और मंजू बारां के राजपुरा राजकीय विद्यालय में तैनात थे। इन पर यह कार्रवाई राजस्थान सरकार के शासन सचिव के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने की है। बारां के राजकीय विद्यालय राजपुरा के डमी अध्यापकों और गबन के प्रकरण में अध्यापक दंपती विष्णु गर्ग और उनकी पत्नी मंजू गर्ग पर धारा 420, 409 गबन की धाराओं में मामला दर्ज कराया है। जहां नौ करोड़ का पोषाहार और तनख़्वाह का गबन के मामले को लेकर सरकार ने तुरंत गिरफ़्तारी के निर्देश पुलिस को दिए हैं।
पांच हजार रुपये महीने में डमी टीचर रखे थे
शिक्षक दंपती विष्णु गर्ग व पत्नी मंजू गर्ग राजकीय विद्यालय राजपुरा में 20 से अधिक साल से पद स्थापित हैं। लेकिन दोनों ही विद्यालय नहीं जाकर अपनी जगह डमी अध्यापकों से कार्य करवाते थे।जहां दोनों अध्यापकों को दोनों की जगह पांच-पांच हजार मासिक में नियुक्त कर रखा था। जो वहां जाता था तो डमी अध्यापक अपने आप को विष्णु गर्ग व मंजू गर्ग बताते थे। मामले को लेकर बारां प्रशासन के द्वारा विगत दिसंबर महीने में विद्यालय पहुंचकर कार्रवाई की गई। जहां पर शिक्षक दंपती अनुपस्थित मिले और उनकी जगह प्राइवेट दो महिला व एक पुरुष अध्यापन करवाते पाए गए। जहां पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों डमी अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही शिक्षक दंपती में अध्यापिका मंजू गर्ग को लीव पर बताया गया। लेकिन विष्णु गर्ग के उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर मिले। जांच में यह भी पता लगा की शिक्षक दंपती के द्वारा बच्चों के पोषाहार में भी फर्जीवाड़ा कर घोटाला कर भारी भरकम राशि उठा ली गई है।
फरार हैं शिक्षक दंपती
कार्रवाई के बाद से ही दोनों शिक्षक दंपती फरार चल रहे हैं। लेकिन अब सरकार के द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए रकम वसूलने का मामला दर्ज कराया गया है। साल 2017 में भी बारां कलेक्टर द्वारा दोनों का फर्जीवाड़ा पाए जाने पर इंक्रीमेंट रोका गया था। लेकिन सरकार बदलते ही कार्रवाई को दबा दिया गया। वहीं, बारां के तात्कालिक जिला कलेक्टर एसपी सिंह से मिलीभगत कर कार्रवाई की पत्रावलियों को भी कलेक्टर कार्यालय से गायब करने का मामला सामने आया था, जिसकी अभी जांच जारी है।