Rajasthan Ganganagar records highest temperature in the country today – श्रीगंगानगर में आग उगल रहा सूरज, पारा 48 पार; HC बोला

राजस्थान में पड़ रही भीषण गर्मी का दौर गुरुवार को भी जारी रहा और आग उगलते मौसम से लोग परेशान होते रहे। इस दौरान श्रीगंगानगर में 48.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो कि देश में सबसे अधिक दर्ज तापमान रहा। इस बारे में IMD ने अपने एक्स हैंडल पर जानकारी दी। उधर राजस्थान हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए भीषण गर्मी व लू से होने वाली मौतों पर राज्य सरकार को उचित मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को श्रीगंगानगर में सामान्य से 6.1 डिग्री ज्यादा तापमान दर्ज किया गया, वहीं प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों के तापमान की बात करें तो पिलानी में 47.6, चुरू में 47, फलौदी व बीकानेर में 46.8, जैसलमेर में 46.1, जयपुर में 45.3, जोधपुर में 44.8, कोटा में 44.5 और बाड़मेर में 44.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। शाम तक प्रदेश के जयपुर, जोधपुर व बीकानेर संभागों में कहीं-कहीं पर हीट वेव से सीवियर हीट वेव दर्ज की गई। इसके अलावा जयपुर, अजमेर, जोधपुर व बीकानेर संभाग में कुछ स्थानों पर गर्म रात होने का अनुमान है।
तापमान में 1 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य के कुछ भागों में अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, वहीं आगामी 48 घंटों में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट होने की उम्मीद है। अधिकांश भागों में 1 जनू से हीटवेव से राहत मिलने की प्रबल संभावना है। साथ ही एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से जयपुर, भरतपुर व बीकानेर संभागों के कुछ भागों में 31 मई से 2 जून के दौरान मेघगर्जन, तेज आंधी (40-50 Kmph) व हल्की / मध्यम वर्षा होने की संभावना भी है। साथ ही मौसम विभाग ने आगामी 3-4 दिन राज्य के कुछ भागों में तेज सतही धूल भरी हवाएं (20-30 Kmph) चलने की संभावना जताई है।
अगले 48 घंटों में मिलेगी राहत
प्रदेश के मौसम की जानकारी देते हुए जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने कहा, ‘गुरुवार को उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में सीवियर हीट वेव दर्ज की गई है। इसके अलावा बीकानेर और भरतपुर संभाग के कुछ इलाकों में भी हीट वेव रिपोर्ट हुई है। दक्षिण राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिपोर्ट हुआ है। आगामी 48 घंटों में धीरे-धीरे अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट होगी और जो सीवियर हीटवेव का जो फिलहाल पिछले कई दिनों से राजस्थान में बना हुआ है, इसमें 1 जून तक राहत मिलने की संभावना है। इसके अलावा अगले 3-4 दिन दोपहर बाद कुछ इलाकों में मेघगर्जन और आंधी जैसी परिस्थितियां बनने की संभावना है।’
राजस्थान में लू से अबतक 5 की मौत
राजस्थान में निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने गुरुवार को बताया कि लू से अब तक पांच लोगों की मौत हुई है। डा माथुर ने कहा कि विभिन्न मीडिया माध्यमों में लू से मौतों की जो संख्या प्रकाशित या प्रसारित की जा रही हैं, वे तथ्य से परे हैं क्योंकि लू से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लू को लेकर समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने लू को लेकर मार्च माह से ही तैयारियां प्रारम्भ कर दी थी, इसके चलते राजस्थान में लू की प्रबलता के बावजूद स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण में है।
डॉ. माथुर ने कहा कि लू से होने वाली मौतों को लेकर आमजन भयभीत एवं भ्रमित नहीं हों। प्रदेश में अब तक लू से पांच मौत हुई हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा प्रतिदिन प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि लू से मौतों का होना दुखद है। प्रयास है कि प्रदेश में लू से जनहानि नहीं हो। विभाग लू को लेकर पूरी सतर्कता और सजगता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है तथा हर स्थिति की मुख्यालय के साथ ही जिला स्तर से भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है।
HC बोला- मौतों पर सरकार दे मुआवजा
उधर राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को भीषण गर्मी एवं लू से होने वाली मौतों के मामले में उचित मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने लोगों को राहत देने के लिए सरकार को कई दिशा-निर्देश भी जारी किए। अदालत ने कहा कि देशभर में भीषण गर्मी और लू से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं लेकिन सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं। न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढंढ ने कहा कि अब समय आ गया है जब लू और शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करके इनसे निपटने के लिए एडवांस तैयारी की जाए।
न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हीटवेव एक्शन प्लान को प्रभावी रूप से लागू करें। उन सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए जहां लोगों की ज्यादा आवाजाही रहती है। सड़कों और राजमार्गों पर छाया के लिए जगह चिह्नित की जाए। मजदूर, ठेला और रिक्शा चालकों को दोपहर 12 से तीन बजे तक आराम करने की अनुमति दी जाए। अधिक गर्मी की स्थिति में लोगों को सचेत करने के लिए बल्क मैसेज, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से अलर्ट भेजे जाएं।