Rajasthan Dausa Farmer Family Paid Tribute To Their Mother Immersed Her Ashes In Field Ias-irs Officers Home – Amar Ujala Hindi News Live


अस्थि विसर्जन करते हुए
– फोटो : अमर उजाला
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दौसा जिले में सिकराय की दुनिया छोड़ चुकी किशनी देवी के परिवार वालों की माने तो किशनी देवी एक दृढ़ इच्छा शक्ति और बहुत मेहनती महिला थीं, जिसने खेती बाड़ी कर खुद के बच्चों का पालन पोषण कर पढ़ाया लिखाया और आज किशनी देवी के परिवार में कई बच्चे शिक्षक हैं। उनका छोटा बेटा विमल कुमार भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी है तथा उनका पौत्र परीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी है।
सिकराय तहसील के ठीकरिया गांव में बाग वाला किसान परिवार में बेटों ने अपनी मां की अस्थियों का विसर्जन अपने खेतों में किया। क्योंकि किशनी देवी खेती करते हुए जीवन बिता रही थी। किशनी देवी की इच्छा थी कि उनके मरने के बाद उनकी अस्थियों को खेतों में बहा दिया जाए। इसलिए किशनी देवी की इच्छा पूरी करने के लिए उनके परिवार ने यह किया है।
इधर, किशनी देवी परिवार के सदस्य धर्म सिंह ने बताया कि ठीकरिया गांव में बाग वाले किसान परिवार में बाबा किशोरी पटेल की धर्मपत्नी किशनी देवी का लगभग 85 वर्ष के अवस्था में 30 नवंबर 2024 को देहावसान हो गया था। किसान परिवार की महिला को खेती बाड़ी से बहुत लगाव था। उसने खेती के साथ-साथ अनेक फलदार तथा छायादार पेड़ पौधे लगाए। वह अपनी अस्थियों को उस मिट्टी का भाग बनाना चाहती थी, जिसका अन्न, जल खा पीकर उसने अपने परिवार का भरण पोषण किया था। उधर, किशनी देवी के बेटे जगनमोहन और विमल कुमार ने बताया कि किशनी देवी की इच्छानुसार उनकी अस्थियों एवं राख का विसर्जन दो दिसंबर को परिवार सहित मिलकर सभी सगे संबंधियों के साथ खेतों में पानी चलाकर किया गया।
किशनी देवी के बेटे विमल कुमार ने कि माने तो मृत्यु भोज एक अनावश्यक खर्च है और मृत्यु भोज एवं अन्य अनावश्यक कर्मकांडों की बजाय वो बालिका शिक्षा और गांव में पुस्तकालय के विकास पर पैसा खर्च करना उचित समझते हैं, जिसके चलते उन्होंने सामाजिक परंपराओं और रीति-रिवाज से दूरी बनाकर यह पहल की है।