Published On: Fri, Nov 8th, 2024

Rajasthan Bypolls: Triangular Contest On Jhunjhunu Seat – Jhunjhunu News


Rajasthan ByPolls: Triangular contest on Jhunjhunu seat

राजस्थान उपचुनाव 2024
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी कांग्रेस के दबदबे वाली झुंझुनूं विधानसभा सीट पर चुनावी रंगत चरम पर है। कांग्रेस से यहां पर ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में अमित ओला को उतारा है तो भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र भांबू तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। क्षेत्र में दोनों की हार-जीत से ज्यादा इस बात की चर्चा है कि निर्दलीय ताल ठोककर मुकाबले को रोचक बनाने वाले पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा किस पार्टी के कितने वोट काटेंगे। चुनावी माहौल जानने के लिए अमर उजाला झुंझुनू शहर से निकलकर बगड़ होते हुए माखर की ढाणी में पहुंचा तो वहां चबूतरे पर कई ग्रामीण बैठे हुए थे। पूछने पर बताया कि थोड़ी देर में अमित ओला आने वाले हैं। सोचा यहां केवल कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोग ही होंगे, लेकिन जब मुद्दों पर बहस छिड़ी तो ग्रामीण बंटे हुए नजर आए। कुलदीप ने कहा कि रोजगार नहीं होने के कारण गांव में बेरोजगारों की फौज तैयार हो रही है। यहां से निकलकर सुलताना कस्बा पहुंचे तो वहां सुरेश महला ने कहा कि बिना पानी के खेत वीरान हो रहे हैं। उम्मेद सिंह धनखड़ का कहना था कि युवा पीढ़ी नशे की लत में जा रही है।

जातीय समीकरण में उलझे नेता

जाट बाहुल्य इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र गुढ़ा मुस्लिम, राजपूत, एससी के वोट लेकर दोनों पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों का जोर जातीय समीकरण साधने में ज्यादा है। प्रचार में फिलहाल भाजपा आगे है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का दूसरी बार दौरा प्रस्तावित है। वहीं, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के दौरे हो चुके हैं। कांग्रेस में पूरे चुनाव की बागडोर फिलहाल सांसद एवं अमित ओला के पिता बृजेन्द्र ओला ने संभाल रखी है। स्टार प्रचारकों को बुलाने की तैयारी की जा रही है।

भितरघात का खतरा बरकरार

भाजपा नेता नहर का पानी और रोजगार की बात कर रहे हैं तो कांग्रेस नेता ओला परिवार की ओर से कराए गए कार्यों को गिना रहे हैं। समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं मिलने पर कई मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। भाजपा बागियों को मनाने में सफल रही है। हालांकि दोनों पार्टियों को भितरघात का खतरा बना हुआ है।

प्रतिष्ठा का सवाल

झुंझुनू में ओला परिवार का दबदबा रहा है। यहां से बृजेन्द्र ओला लगातार चार बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। अब उनके सांसद बनने यह सीट खाली हुई है। वहीं, उनके पिता शीशराम ओला लम्बे समय तक विधायक और सांसद रह चुके हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस जीतती है तो ओला परिवार की विरासत बची रह जाएगी और अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो इस सीट पर तीसरी बार चुनाव जीतने का रेकॉर्ड बन जाएगा, क्योंकि वर्ष 1996 के उपचुनाव में डॉ. मूल सिंह शेखावत ने भाजपा का खाता खोला था, उसके बाद वर्ष 2003 में सुमित्रा सिंह ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।

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