Published On: Sat, Dec 28th, 2024

Rajasthan Borewell News: बोरवेल में चेतना, छठे दिन सुंरग खोदने नीचे उतरे जवान, मां बोली-मेरी बच्ची तड़प रही


Rajasthan Borewell Rescue Operation Update Day 6 Chetna Still Trapped Mother Reaction

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बोरवेल में फंसी चेतना कब आएगी बाहर?
– फोटो : Amar Ujala

राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी तीन साल की चेतना को आज छठवां दिन है। मासूम बच्ची 120 फीट की गहराई पर एक हुक से लटकी हुई है। इतने दिन से न तो उसने कुछ खाया और न ही पिया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि चेतना को रेस्क्यू करने के लिए बोरवेल के पास खोदे गए गड्ढे में रेस्क्यू टीम के जवानों को नीचे उतारा गया है। यह जवान बोरवेल तक सुरंग खोदेंगे। हालांकि, यह अधिकारी भी नहीं बता रहे हैं कि चेतना कब तक निकल आएगी। 

उधर, चेतना की मां धोली देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार हाथ जोड़कर एक ही विनती कर ही हैं कि मेरी बेटी को बाहर निकाल दो। मासूम बच्ची चेतना को बाहर निकालने में हो रही देरी पर परिवार प्रशासन और कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगा रहा है। परिवार का कहना है कि पहले तो कलेक्टर छुट्टी पर थी। लेकिन, आने के बाद भी वे एक बार भी परिवार से मिलने तक नहीं आई हैं।  मीडिया को दिए बयान में चेतना के ताऊ शुभराम ने कहा कि अधिकारियों से कुछ पूछो तो वे जवाब नहीं देते हैं। अधिक सवाल करने पर कहते है- जो भी बताएंगी कलेक्टर मैडम ही बताएंगी। 




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अब सुरंग खोदने की तैयारी।
– फोटो : Amar Ujala

अब क्या है बच्ची को निकालने का प्लान? 

जानकारी के अनुसार बच्ची को निकालने के लिए एनडीआरएफ के 6 जवानों की तीन टीमें में बनाई गई हैं। एक बार में दो जवान को 170 फीट गहरे गड्ढे में उतरेंगे और बोरवेल तक सीधी खुदाई करेंगे। दो जवानों की एक टीम करीब 20-25 मिनट अंदर रहेगी, फिर उन्हें बाहर निकालकर दूसरी टीम को नीचे भेजा जाएगा। इसी तरह सुरंग बनाने का सिलसिला जारी रहेगा। अगर, नीचे खुदाई में पत्थर मिलता है तो ड्रिल मशीन समेत अन्य उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा। 


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चेतना को बचाने का अभियान जारी।
– फोटो : Amar Ujala

किस दिन क्या हुआ? 

23 दिसंबर: कोटपूतली के किरतपुरा क्षेत्र के बड़ीयाली ढाणी में दोपहर करीब 1:50 बजे तीन साल की बच्ची चेतना बोरवेल में गिरी। करीब 10 मिनट बाद परिजनों को बच्ची के राने की आवाज सुनाई दी, तब उन्हें पता चला कि वह बोरवेल में गिर गई है। तत्काल परिजनों ने प्रशासन को सूचना दी। दोपहर 2:30 बजे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। 3:20 बजे मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंची। 3:45 पर पाइप के जरिए बच्ची को ऑक्सीजन पहुंचाई गई। 5:15 पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। रात 8:45 पर देसी जुगाड़ के एक्सपर्ट जगराम अपनी टीम के साथ बच्ची को रेस्क्यू करने पहुंचे। इसी दिन रात तीन बजे तक अंब्रेला और रिंग रॉड से बच्ची को रेस्क्यू करने के दो प्रयास किए गए, लेकिन दोनों की असफर रहे। 

24 दिसंबर: सुबह 5:30 बजे से प्रशासन फिर सक्रिय हुआ। अधिकारियों ने परिजनों से चेतना को हुक में फंसा कर बाहर निकलने की अनुमति ली। 9:30 बजे तक बच्ची को 15 फीट ऊपर खींचा गया। लगातार अफसल होने के बाद प्रशासन ने हरियाणा के गुरुग्राम से पैरलल गड्डा खोदने के लिए पाइलिंग मशीन मंगवाई। रात करीब 11 बजे मशीन मौके पर पहुंची। 


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रेस्क्यू अभियान जारी।
– फोटो : Amar Ujala

25 दिसंबर: 8:00 बजे से पाइलिंग मशीन से गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया। दोपहर एक बजे तक 40 फीट सुरंग करने के बाद पाइलिंग मशीन बंद की गई। शाम पांच पाइलिंग मशीन के साथ 4 फीट मोटा बिट असेंबल किया गया है। 5:30 बजे रेस्क्यू अभियान एक बार फिर से शुरू किया गया। शाम छह बजे 200 फीट क्षमता की एक और पाइलिंग मशीन मौके पर पहुंची। इसे चलाने के लिए गुजरात से एक और टीम भी आई। आठ बजे रेट माइनर की टीम पहुंची। नौ बजे बच्ची की माता घोली देवी की तबीयत बिगड़ी। रात 11 बजे कोटपूतली-बहरोड़ कलेक्टर कल्पना अग्रवाल घटनास्थल पर पहुंची। 

26 दिसंबर: सुबह 10 बजे पत्थर आने के कारण पाइलिंग मशीन को रोका गया। छह घंटे में मशीन से पत्थर को काटा गया। शाम करीब छह बजे गड्ढे की गहराई चेक की गई, इसके बाद पाइलिंग मशीन को हटाया गया। 6:30 बजे से क्रेन से गड्ढे में सेफ्टी पाइप लगाना शुरू किए गए। 

27 दिसंबर: दोपहर करीब 12  बजे तक 170 फीट गहरे खोदे गए गड्ढे में लोहे के पाइप फिट किए गए। 12:40  बजे इन पाइप का वजन उठाने के लिए 100 टन क्षमता की मशीन मौके पर बुलाई गई। करीब एक बजे मौसम बदलने के कारण हुई बारिश से पाइप वेल्डिंग का काम रुक गया। शाम पांच बजे वेल्डिंग का काम दोबारा शुरू किया गया, जो देर रात तक चलता रहा। 


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