Rajasthan Board 12th Toppers: पिता मजदूर, दिव्यांग चाचा ने पढ़ाया, आर्ट्स टॉपर मनीषा बड़सरा बनना चाहती हैं IAS

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Rajasthan Board 12th Toppers: राजस्थान बोर्ड 12th का रिजल्ट RBSE ने जारी कर दिया है. सीकर की रहने वाली मनीषा बड़सरा को 99 पर्सेंट मिले हैं. पढ़िए उनकी सफलता की कहानी…

मनीषा बड़सरा ने 500 में से 495 अंक प्राप्त किए
हाइलाइट्स
- मनीषा बड़सरा ने 12वीं आर्ट्स में 99% अंक प्राप्त किए.
- मनीषा का सपना IAS ऑफिसर बनना है.
- मनीषा के दिव्यांग चाचा ने उनकी पढ़ाई में मदद की.
सीकर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स तीनों विषयों का परिणाम जारी कर दिया है. इस परीक्षा परिणाम में 12वीं कला वर्ग में सीकर के नीमकाथाना में रहने वाली मनीषा बड़सरा ने 500 में से 495 अंक प्राप्त कर 99 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. मनीषा बड़सरा ने अंग्रेजी, पॉलिटिकल, ड्राइंग में 100 में से 100 नंबर प्राप्त किए है. इसके अलावा ज्योग्राफी में 99 प्रतिशत, हिंदी में 96 प्रतिशत कुल अंक प्राप्त किए हैं.
मनीषा के पिता धूडाराम बड़सरा एक गरीब मजदूर और माता मेवा देवी गृहणी है. मनीषा की पढ़ाई लिखाई का जिम्मा उनके चाचा कैलाश चंद बड़सरा ने उठा रखा है. मनीषा के चाचा कैलाश चंद दिव्यांग है, लेकिन फिर भी जैसे तैसे काम कर भतीजी मनीषा को पढ़ाई लिखाई पूरी करवाई. आज मनीषा ने परिवार का नाम गर्व से ऊंचा किया है.
आर्थिक रूप से कमजोर और साधारण परिवार में रहने वाली मनीषा बड़सरा ने शहर की ही पंचवटी शिक्षण संस्थान सीनियर सेकेंडरी स्कूल नयाबास रोड नीमकाथाना में ही पढ़ाई की थी. मनीषा ने बताया कि वह रोजाना 9 घंटे पढ़ाई किया करती थी, और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहती थी. उन्होंने बताया कि किसी की भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार मेहनत करना बहुत जरूरी है.
घर की आर्थिक हालत खराब, IAS बनने का है सपना
मनीषा के पिता धूडाराम मजदूर है और चाचा कैलाश चंद दिव्यांग है. चाचा कपड़े सिलाई का कार्य मनीषा के पढ़ाई का खर्च जुटाते हैं. जब हमने मनीषा के पिता के पिता को धूडाराम से बात की उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे. आंखों से खुशी के आंसू निकलते हुए उन्होंने बताया कि “मेरी बेटी ही हमारे परिवार का आसरा है, वह हमारे परिवार को जरूर गरीबी से बाहर निकलेगी.” इसके अलावा दिव्यांग चाचा कैलाश चंद ने कहा कि मनीषा रोजाना एक ही रूटिंग को फॉलो किया करती थी और रोजाना रात को 2 बजे तक पढ़ाई किया करती थी.
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IAS बनने का है मनीषा का सपना
मनीषा से हमने जब उसके सपने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरा जीवन का उद्देश्य IAS (कलेक्टर) ऑफिसर बनना है. वह अपने परिवार का आसरा बनकर चाहती हैं. साथ ही गरीब मजदूरों की सेवा और राष्ट्र की रक्षा करना चाहती हैं. मनीषा ने बताया कि वह आगे भी अपने सपने को लेकर ऐसे ही मेहनत करती रहेगी. इसने अपने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं चाचा और स्कूल संस्थापक शिवराम जाखड़ को दिया है.
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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