Rajasthan : बहू नहीं कर रही थी धर्म-परिवर्तन, ससुरालवालों ने पीटा, बेटे से अलग किया, फिर भी नहीं मानी तो…. – Bahu was not embracing Christianity tortured brutally tied in chains kept in room by sasural in sirohi what happened next will wrench your heart
सिरोही. सिरोही जिले की रेवदर तहसील के धनारी गांव में ससुरालवालों ने जबरन धर्म परिवर्तन के लिए बहू पर जमकर अत्याचार किए. इतना प्रताड़ित किया, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती.समय से पहले उसके बच्चे की डिलीवरी तक करवा दी. बहू के नहीं मानने पर ससुरालवालों ने पंकु देवी को 7 दिन तक पैरों से बांधकर कमरे में बंद रखा. आस-पड़ोस के लोगों ने महिला के पीहर में सूचना दी.पिता आनन-फानन में बेटी की ससुराल पहुंचा और उसे ससुरालवालों के चंगुल से बचाया. पीड़िता का इलाज करवाया. परिजन राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को साथ मिलकर सिरोही एसपी के पास में पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई.
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता के पिता ने सिरोही एसपी को शिकायत पत्र देकर दोषी पादरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पीड़ित परिवार का कहना है कि पहले से ही विवाहित पंकू देवी के ससुराल वाले ईसाई धर्म अपना लिया है. पुलिस ने अलग-अलग टीम जांच के लिए बनाई हैं.
जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद खलबली
जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद में जिले में खलबली मची हुई है. मशीनरी की ओर से विवाहिता पर जबरन धर्मांतरण करने पर दबाव बनाया जा रहा था, कई मानसिक यातनाएं पीड़िता को दी गईं. विवाहिता का मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया. हिंदू संगठनों को पता चला तो उन्होंने जमकर हंगामा काटा. संगठन के सदस्यों ने महिला को हनुमान चालीसा का पाठ करके गंगाजल से स्नान करवा कर घर वापसी करवाई है. जबरन धर्मांतरण करने के मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करके जांच शुरू कर दी है. पीड़ित महिला के नवजात बच्चे को भी उसे सौंप दिया गया है. पुलिस अब पादरी की तलाश कर रही है. इसके पीछे कौन मास्टरमाइंड या संस्था काम करती है, उसकी जांच में जुटी है.
हनुमान चालीसा का पाठ करके शुद्धिकरण किया गया
हिंदू संगठनों के आह्वान पर पीड़िता के घर पर हनुमान चालीसा का पाठ करके शुद्धिकरण किया गया. संगठनों के कार्यकर्ताओं के द्वारा पीड़ित महिला नवजात बच्चे को सिरोही क्राइट्रॉमा सेंटर हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया है. हिंदू संगठनों इस संबंध में सख्त कार्रवाई की मांग की है.
FIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 23:06 IST